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बाढ़ के बाद Sikkim में गहराया LPG का संकट

गंगटोक, 29 अक्टूबर । विनाशकारी आपदा की मार झेल रहे सिक्किम के कई शहरों में सोमवार से रसोई गैस सिलिंडरों की किल्लत का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसा रंगपो के निकट बागेखोला स्थित इंडियन ऑयल बॉटलिंग प्लांट में जारी परिवहन गतिरोध के कारण है, जिसे यदि शीघ्र हल नहीं किया गया तो निजी एलपीजी वितरकों को अपनी सेवाएं रोकनी पड़ सकती हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों आई बाढ़ के कारण एनएच-10 के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद से सिक्किम के अधिकांश हिस्सों में पहले से ही एलपीजी सिलिंडर की कमी की शिकायतें मिल रही हैं। वहीं, सिलीगुड़ी से सिक्किम तक एलपीजी सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए भारी वाहनों को लंबे वैकल्पिक मार्ग को अपनाना पड़ रहा है।

सूत्रों के अनुसार, सिक्किम के निजी एलपीजी वितरकों के ट्रक चालकों के साथ यह समस्या तब उत्पन्न हुई जब बागेखोला एलपीजी बॉटलिंग प्लांट प्रबंधन ने कथित तौर पर उन्हें जलपाईगुड़ी जिला के रानीनगर बॉटलिंग प्लांट से एलपीजी सिलेंडर परिवहन करने को कहा। उसके बाद से ही स्थानीय वितरकों के सिक्किम पंजीकृत ट्रक चालक रानीनगर प्लांट से सिलिंडर लेने से इनकार करते हुए अपने ट्रकों को बागेखोला प्लांट में ही खड़ा कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में आपदा के बाद के शुरुआती दिनों में गंभीर स्थिति को देखते हुए निजी एलपीजी डीलरों के सिक्किम और पश्चिम बंगाल पंजीकृत दोनों ट्रक सिक्किम में रीफिल सिलेंडरों को ले जाने के लिए रानीनगर प्लांट पहुंचे थे। लेकिन सिक्किम के ट्रक चालकों का आरोप है कि रानीनगर प्लांट तक पहुंचने के दौरान पश्चिम बंगाल परमिट न होने के कारण उन्हें जहां समस्या का सामना करना पड़ा, वहीं रानीनगर प्लांट पहुंचने पर भी उन्हें वहां घंटों इंतजार करना पड़ता है। कभी-कभी यह इंतजार दो रातों का भी हो जाता है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के अंदर दुर्घटना होने पर सिक्किम के ट्रक मालिकों और ड्राइवरों को बीमा क्लेम भी नहीं मिलना एक और मुद्दा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए ही सिक्किम पंजीकृत ट्रकों के ड्राइवरों ने रानीनगर प्लांट तक कठिन यात्रा नहीं करने का फैसला किया है। इन ड्राइवरों और वितरकों दोनों की मांग है कि एलपीजी सिलिंडर की आपूर्ति बागेखोला प्लांट से ही की जाए।

हालांकि, बागेखोला प्लांट द्वारा भारी वाहनों के लिए कालिम्पोंग जिलान्तर्गत अलगड़ा-रेशी-रंगपो मार्ग के माध्यम से अपने टैंकरों में भारी मात्रा में एलपीजी लाने पर इस समस्या से बचा जा सकता था। एनएच-10 पर यातायात अवरुद्ध होने के बावजूद इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन वितरकों का कहना है कि बागेखोला प्लांट प्रबंधन लाभा-कालिम्पोंग-रंगपो मार्ग द्वारा अपने एलपीजी ईंधन का परिवहन कर रहा है। यह मार्ग भारी वाहनों के लिए केवल रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच खुला रहता है, जिसके परिणामस्वरूप आपूर्ति सीमित हो पाती है।

स्थानीय एक एलपीजी वितरक ने कहा कि एलपीजी ट्रक सिक्किम से बाहर नहीं जा रहे हैं और उनमें से अधिकांश पिछले कुछ दिनों से बागेखोला प्लांट में फंसे हुए हैं। एलपीजी सिलिंडरों की पहले से ही कमी है और अगर यह जारी रहा, तो वितरक सोमवार से कुछ शहरों में सिलिंडरों की आपूर्ति करने की स्थिति में नहीं होंगे।

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