गंगटोक । सिक्किम में, खास कर उत्तर और पूर्व क्षेत्र में मौसम में अचानक आए बदलाव के कारण हुई भारी बर्फबारी से जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है। इसके कारण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से खराब मौसम के बावजूद यातायात एवं संचार व्यवस्था बनाए रखने में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम हिमालय क्षेत्र से उत्पन्न इस व्यवधान ने आर्थिक-सामाजिक गतिविधियों और सड़कों, खास कर लाचुंग और लाचेन इलाके की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों के साथ-साथ नाथुला और अमजे की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा की हैं। वहीं, बीते दिनों ग्लेशियल लेक आउटबस्र्ट के कारण आई विनाशकारी बाढ़ के बाद की स्थिति ने संकट और बढ़ा दिया है।
हालांकि, इन चुनौतियों के बीच बीआरओ आशा की किरण बनकर उभरा है। संगठन ने ने दोहरी-आयामी रणनीति अपनाते हुए लाचेन घाटी में तैनात सशस्त्र बलों के लिए कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए तेजी से कार्य किया है। बीआरओ ने प्रतिकूल मौसम में भी 18200 फीट की ऊंचाई पर डोंगख्याला पास का उपयोग करते हुए रसद और प्रशासनिक कनेक्टिविटी सुनिश्चित की है।
BRO के प्रोजेक्ट स्वास्तिक के तहत 758 बीआरटीएफ के बहादुर एवं समर्पित जवानों ने ठंडे तापमान, कम ऑक्सीजन और बर्फीले तूफान के बावजूद महत्वपूर्ण संचार चैनलों को बनाए रखा है। कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने ही राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कर्मियों और संसाधनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की है।
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