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पिछली सरकार में आपदा के समय दी गई कम मुआवजा राशि : मुख्‍यमंत्री

राज्‍य सरकार ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दी आर्थिक सहायता

गंगटोक, 15 अक्टूबर । मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) ने आज सिक्किम में बाढ़ के मद्देनजर निर्माण श्रमिकों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए संकट राहत टोकन वितरित किए।

सिक्किम बिल्डिंग एंड अदर कंस्‍ट्रक्‍शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (एसबीओसीडब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूबी) के तहत 8,733 श्रमिक पंजीकृत हैं। श्रमिकों को राज्य सरकार से संकट राहत निधि के रूप में दस-दस हजार रुपये मिल रहे हैं। निधि का हस्तांतरण बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है; कुल राशि का 80 प्रतिशत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है जबकि शेष 20 प्रतिशत अकाउंट पेयी चेक के माध्यम से स्थानांतरित किया जा रहा है।


श्रम विभाग द्वारा चिंतन भवन में आयोजित एक समारोह में हाल ही में आई बाढ़ में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को याद करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा गया। सीएम गोले ने चेक श्रमिकों को सौंपे। मजदूर राज्य श्रम विभाग की देखरेख में विभिन्न सरकारी विभागों जैसे भवन और आवास, सड़क और पुल और सिंचाई के तहत काम करते हैं।

इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सामूहिक राहत निधि के रूप में 8.70 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा, आपदा में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, यह मुश्किल समय है क्योंकि हमारे मजदूर संकट में हैं। ज्यादातर मजदूर इस वक्त राज्य में राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं। इसलिए, उनके योगदान को स्वीकार करने और राहत प्रदान करने के लिए, हमने राहत राशि को पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 10 को रुपये से कर दिया है, हालांकि कानून कहता है कि 5000 रुपये ही देने होंगे।

सिक्किम के मुख्यमंत्री ने पिछली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार द्वारा 2011 के भूकंप के दौरान दिए गए राहत प्रयासों और धन की तुलना की। गोले ने कहा, विपक्ष अब सरकार से जान गंवाने वालों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की मांग कर रहा है। हम राशि देने को तैयार हैं। लेकिन अगर आप इसकी तुलना 2011 के भूकंप से करें तो क्या तत्कालीन सरकार ने इतनी रकम दी थी? अगर यह नियमों का उल्लंघन था तो जान गंवाने वालों को 30 लाख रुपये दिए जा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वे घोषणा करते हैं कि हमें उन लोगों के लिए 5 मंजिला घर बनाना चाहिए जिन्होंने अपनी संपत्ति खो दी है। लेकिन जब आप उनके राहत प्रयासों, ग्रामीण आवास योजना के तहत दिए गए घरों से तुलना करते हैं, तो हम निराशाजनक स्थिति में होते हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि हम घरों का ऐसा निराशाजनक पुनर्निर्माण नहीं करेंगे।

गोले ने जोर देकर कहा कि आज दी गई धनराशि केवल भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत मजदूरों के लिए है। हालांकि, उन्होंने कई मजदूरों को बोर्ड के तहत पंजीकृत नहीं होने की बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि उन्हें भी राहत राशि मिलेगी।

इसके अलावा, राज्य शिक्षा विभाग उन छात्रों के लिए किताबें सुनिश्चित करेगा जिन्होंने जीएलओएफ में अपना सामान खो दिया है।

श्रम मंत्री श्री लोक नाथ शर्मा ने पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाले लाभों के बारे में बोलते हुए बताया कि भवन निर्माण श्रमिक जैसे बढ़ई, ईंट राजमिस्त्री और अन्य जो विभिन्न ठेकेदारों के तहत कार्यरत हैं, वे भी आगे आकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने पंजीकृत श्रमिकों के लिए उपलब्ध वित्तीय लाभ के प्रावधान पर जोर दिया। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि उपकर से प्राप्त वित्तीय राशि का उपयोग केवल पंजीकृत श्रमिकों के कल्याण के लिए किया जाता है। इसके अलावा, उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से सभी मजदूरों को बोर्ड के साथ पंजीकृत करने की कवायद का समर्थन करने का आग्रह किया।

इससे पहले स्वागत भाषण श्रम सचिव डॉ पी सेंथिल कुमार ने दिया जबकि विशेष श्रम आयुक्त श्री डी.एस.कुंवर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में भूमि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री श्री कुंगा नीमा लेप्चा, विधायक श्री जीटी धुंगेल, श्री वाईटी लेप्चा, श्री एसटी वेनचुंग्‍पा, श्रम सलाहकार श्री मनोज प्रधान, सिक्किम श्रम कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती गंगा परसाई आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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