जीवन के हर चरण में सीखना जरूरी : डॉ. डी. पुरोहित

गंगटोक : अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में सिक्किम राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ (सिमफेड) के सहयोग से आज नर बहादुर भंडारी गवर्नमेंट कॉलेज के छात्रों के लिए एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्रिंसिपल डी पुरोहित उपस्थित रहे।

यहां अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ डी पुरोहित ने कहा कि इस तरह की पहल छात्रों को सहकारी समितियों के कामकाज की उपयोगी समझ प्रदान करती है। उन्होंने छात्रों को जीवन के हर चरण में सीखते रहने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि औपचारिक शिक्षा के साथ सीखना बंद नहीं होता। उन्होंने वर्गीज कुरियन और श्वेत क्रांति के बारे में बात की और बताया कि कैसे सहकारी प्रयासों ने भारत के डेयरी क्षेत्र को आकार देने में मदद की। इस दिशा में उन्होंने गुजरात के लिज्जत पापड़ की कहानी भी साझा की।

डॉ पुरोहित ने छात्रों से इन उदाहरणों से प्रेरणा लेने और आत्मनिर्भर व आत्म-सशक्त बनने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कॉलेज द्वारा कृषि गतिविधियों के लिए एक भूखंड आवंटित करने की जानकारी देते हुए बताया कि छात्र सहकारिता विभाग के साथ मिलकर इस भूमि का उपयोग कृषि का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और खेती व भूमि प्रबंधन की बेहतर समझ विकसित करने के लिए करेंगे।

वहीं, अतिथि वक्ता के रूप में सिमफेड मुख्य महाप्रबंधक जीवन शर्मा ने सहकारिता आंदोलन की स्थापना और विकास के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सिक्किम में यह व्यवस्था राजशाही के दौरान शुरू हुई थी। उन्होंने राज्य-स्तरीय और जमीनी स्तर की संस्थाओं वाली द्वि-स्तरीय सहकारी संरचना पर भी प्रकाश डालते हुए राज्य के शीर्ष विपणन सहकारी संघ के रूप में सिमफेड के कार्यों को भी रेखांकित किया।

उनके साथ, अतिरिक्त आरसीएस मुख्यालय रॉबिन सेवा ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के “सुनहरे, समृद्ध और समर्थ सिक्किम” के दृष्टिकोण को दोहराते हुए राज्य में सहकारी समितियों की चुनौतियों और उपलब्धियों के बारे में बात की और छात्रों को सामुदायिक और आर्थिक विकास में उनकी भूमिका को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।उन्होंने बताया कि सिक्किम में जैविक कृषि उत्पादन पर जोर सुरक्षित और स्वच्छ भोजन सुनिश्चित करने, मिट्टी स्वास्थ्य की रक्षा करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

इसके अलावा, सहायक आरसीएस छेवांग नोरबू भूटिया ने विभिन्न विषयों पर एक जागरुकता प्रस्तुति पेश की। संयुक्त आरसीएस रोहित रसाइली द्वारा सहकारी लेखा परीक्षा पर एक अलग प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर दीपक अधिकारी, सहकारिता विभाग के अधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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