जमीन के बदले पैसे नहीं मिलने पर उठाया कदम
गेजिंग । देंताम का मिनी स्टेडियम को कुछ जमीनदाताओं ने जमीन का पैसा नहीं मिलने के बाद बंद कर दिया है। जमीनदाताओं का कहना है कि जमीन का पैसा नहीं मिलने पर इसे बंद कर दिया गया है। दस साल बाद भी जमीन का पैसा नहीं मिलने पर पांच परिवारों ने यह कदम उठाया है।
बताया जाता है कि 2014 में सरकार को खेल का मैदान बनाने के लिए जमीन दी गयी थी, लेकिन जमीन का पैसा नहीं मिलने के बाद खेल का मैदान बंद कर दिया गया। मानेबुंग के पांच स्थानीय परिवारों बलराम छेत्री, तिल बहादुर छेत्री, मन प्रसाद छेत्री, पुण्य कला गुरुंग और खड़की माया गुरुंग ने देंताम विधानसभा के देंतामटार में एक सार्वजनिक खेल का मैदान (मिनी स्टेडियम) बनाने के लिए अपनी जमीन दी। इसके बाद यहां एक मिनी स्टेडियम बनाया गया। खेल का मैदान 2016 से सुचारू रूप से चल रहा था, लेकिन अचानक, खेल मैदान के मुख्य द्वार को ही अवरुद्ध कर दिया गया है जिससे खेल का मैदान बंद हो गया। खेल का मैदान एक सप्ताह से बंद है। जमीन मालिकों के मुताबिक वे इसका इस्तेमाल खेती के लिए करेंगे।
याद दिला दें कि 2014 में जमीन मालिकों द्वारा जमीन अधिग्रहण के बाद तेजी से खेल मैदान का निर्माण कराया गया था। 2016 के अंत से खेल के मैदान पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर पर भी सैकड़ों क्षेत्रीय स्तर के कार्यक्रम यहां आयोजित किये गये हैं। पश्चिमी जिले में ग्योंगसा के बाद यह दूसरा खेल का मैदान है। इस खेल मैदान के अचानक इस प्रकार बंद कर दिये जाने से चर्चा का बाजार गर्म है।
आज इस संवाददाता ने जब इस बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि जमीन मालिकों ने खेल का मैदान बनाने की इजाजत तो दे दी लेकिन जमीन का पैसा नहीं मिलने के कारण खेल का मैदान बंद कर दिया। बताया जाता है कि डेंताम बाजार हाट से खेल मैदान तक सड़क की कीमत जमीन दाताओं को नहीं मिली। जिन पांच परिवारों ने खेल के मैदान के निर्माण के लिए जमीन दी है। उस समय हमें इसके बादले में दूसरी जगह जमीन का और घर देने का वादा किया गया था। लेकिन अब तक वादा पूरा नहीं किया गया है और हमें बार-बार परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे बाहर पढ़ते हैं। हम अपनी जमीन बेचकर उन्हें शिक्षा दे रहे हैं। लेकिन यहां खेल मैदान के लिए अपनी जमीन देने के बाद हमें इसके बदले में जमीन नहीं मिली है। इसलिए हम परेशान हैं। हमारे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इसलिए हमें खेल मैदान के लिए दी अपनी जमीन वापस लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। हमने इस बारे में सभी को सूचित कर दिया है। अब खेल मैदान से होने वाली कमाई से ही हमारी आजीविका चलेगी। हम 2014 से ही अपनी फसल का नुकसान झेल रहे हैं।
ज्ञात हो कि देंताम के लिए यही एक सुंदर खेल का मैदान है। इस खेल के मैदान के निर्माण के बाद यहां सभी प्रकार के त्योहारा और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह देंताम के लिए एक दीर्घकालिक विकास है, जहां विभिन्न कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय बच्चे खेल का अभ्यास करते हैं। इस खेल मैदान के बंद हो जाने से देंताम वासियों को बड़ा नुकसान होगा। स्थानीय लोगों ने विभाग से इस पर ध्यान देने की अपील की है।
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