गेजिंग : मिज़ोरम के चर्चित साहित्यकार निर्मल कुमार पुन, अवकाशप्राप्त पुलिस अधीक्षक व समाजसेवी पूर्णबहादुर छेत्री तथा सामाजिक अभियंता पंकज गुरुंग की पश्चिम सिक्किम साहित्य प्रकाशन के सदस्यों के साथ गेजिंग में एक सौहार्दपूर्ण पूर्व-भेंट आयोजित की गई। नेपाली साहित्य और सांस्कृतिक एकता का संदेश देने वाली यह मुलाकात साहित्य प्रकाशन के मुख्य कार्यालय में सम्पन्न हुई, जहां दोनों राज्यों के साहित्यप्रेमियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में पद्मश्री केदार गुरुंग, प्रख्यात साहित्यकार गोवर्धन बांस्तोला, साहित्यकार लक्ष्मीप्रसाद गुरुंग, साहित्यकर्मी धनसिंह विश्व, प्रकाशन की अध्यक्ष रिकी लामू लेप्चा तथा साहित्यकार फुर्वा खांडू शेरपा सहित अनेक साहित्यप्रेमी उपस्थित थे। इन सभी की भागीदारी ने गेजिंग की साहित्यिक वातावरण को और अधिक उत्साहपूर्ण बना दिया। यह पूर्व-भेंट विशेष रूप से पद्मश्री केदार गुरुंग द्वारा अपने दिवंगत माता–पिता की स्मृति में स्थापित लक्ष्मण-सावित्री स्मृति साहित्यिक पुरस्कार के हस्तांतरण से जुड़ी हुई थी। यह सम्मान हर वर्ष नेपाली भाषा में निरंतर और समर्पित साहित्य-सृजन में लगे रचनाकारों को प्रदान किया जाता है।
इस वर्ष पुरस्कार का तीसरा संस्करण आईजोल (मिजोरम) की सुश्री लक्ष्मी मिन्नू को प्रदान किया जाना घोषित हुआ था, किंतु उनके अनुपस्थित रहने के कारण पुरस्कार का प्रतिष्ठित प्रतीक और सम्मान पत्र साहित्यकार निर्मल कुमार पुन को सौंपा गया। उल्लेखनीय है कि पुरस्कार के पहले संस्करण के प्राप्तकर्ता सिंगताम के वरिष्ठ साहित्यकार वीरभद्र कार्की डोली रहे, जबकि दूसरे वर्ष यह सम्मान नेपाल के चर्चित नियात्राकार जय छांगछा को प्रदान किया गया था। इन तीनों संस्करणों ने विविध भूगोलों से जुड़े नेपाली साहित्यकारों को एक मंच पर लाते हुए साहित्यिक एकता का विस्तार किया है।
इस सार्थक मुलाकात ने मिज़ोरम और सिक्किम के नेपाली साहित्यकारों के बीच आपसी संबंधों, समझदारी और सांस्कृतिक निकटता को और भी प्रगाढ़ किया है। साहित्यिक संवाद, रचनात्मक अनुभवों के आदान-प्रदान और समुदायों के बीच बढ़ते सृजनात्मक नेटवर्क से दोनों राज्यों में नेपाली साहित्य की ऊंचाइयों को और आगे ले जाने का विश्वास व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम सौहार्द, सम्मान और साहित्य-प्रेम की वातावरण में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
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