गेजिंग : कृषि एवं बागवानी विभाग के तत्वावधान में गेजिंग जिले के यांगथांग अंतर्गत यांगते ग्राम पंचायत इकाई के अपर भालुथांग स्थित आरीथांग में पारंपरिक ढंग से एक विशेष कोदो रोपाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी तेनजिंग डी डेन्जोंगपा, पुलिस अधीक्षक छिरिंग शेरपा, कृषि बागवानी विभाग के अतिरिक्त निदेशक कर्मा शेरपा सहित कई विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, स्थानीय किसान समुदाय और जनप्रतिनिधियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही।
इस विशेष अवसर पर गेजिंग के जिलाधिकारी तेनजिंग डी डेन्जोंगपा ने स्वयं खेत में हल जोतने से लेकर कोदो रोपने तक की प्रक्रिया में सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई। उन्होंने पारंपरिक कृषि पद्धति को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आज हम आधुनिकता की दौड़ में अपनी मौलिक खेती प्रणाली को भूलते जा रहे हैं। ऐसे कार्यक्रम न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं, बल्कि स्थानीय उत्पादन को भी बढ़ावा देते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पोषक तत्वों से भरपूर पारंपरिक अन्न कोदो की खेती को प्रोत्साहन देना और युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करना था।
आजकल धान, गेहूं, मक्का जैसी फसलों पर अधिक जोर दिया जा रहा है, जिससे कोदो जैसी पोषणयुक्त और कठिन परिस्थितियों में उपजने वाली फसलों की उपेक्षा हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि कोदो न केवल खाद्य सुरक्षा बल्कि पोषण सुरक्षा के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण फसल है। यही कारण है कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से खाली पड़ी जमीन का भी उपयोग कर पारंपरिक कृषि को फिर से जीवित किया जा रहा है। कार्यक्रम का एक अन्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर्यटन की संभावनाओं को उजागर करना भी था। स्थानीय ग्रामीणों और कृषक संघ के प्रतिनिधियों ने पारंपरिक गीत-संगीत के साथ कोदो की रोपाई में भाग लिया, जिससे कार्यक्रम में सामुदायिक एकता की झलक भी देखने को मिली। कृषि बागवानी विभाग के अधिकारियों ने किसानों को कोदो की उन्नत किस्में, जैविक खाद का प्रयोग, मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक खेती पद्धति की जानकारी दी। किसानों ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की।
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