गेजिंग : कंचनजंगा झरना न केवल पर्यटकों को आकर्षित करने वाला एक खूबसूरत झरना है, बल्कि यह धार्मिक आस्था से जुड़ा एक पवित्र स्थल भी है। राज्य के पश्चिम सिक्किम गेजिंग जिले के थिंग्लिंग खेचिपेरी ग्राम पंचायत इकाई में स्थित यह झरना एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह कंचनजंगा झरना के नाम से प्रसिद्ध है। यह कंचनजंघा में एक दरार से बहता है इसी कारण से इसे कंचनजंगा झरना कहते हैं। यह झरना हिमालय श्रृंखला से बहने वाली धाराओं से बनता है, जो कभी-कभी खेचिपेरी के प्रवाह के साथ मिल जाती हैं और कुछ लोग इसे धार्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं।
बेहद मनमोहक और शांतिपूर्ण वातावरण में स्थित यह गांव हर साल हजारों घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। पर्यटक दृष्टिकोण से कंचनजंघा झरना सिक्किम के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली, ठंडी हवा और शुद्ध जल से परिपूर्ण यह स्थान पर्यटकों को शांति का एहसास कराता है। वहां जाना प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताने जैसा है। यह झरना फोटो खींचने, वीडियो बनाने, ध्यान लगाने और आराम से सैर करने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। इस झरने ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को आजीविका प्रदान की है। इस क्षेत्र के स्थानीय निवासियों की आजीविका पर्यटन से बहुत हद तक जुड़ी हुई है। कई लोग झरने के पास छोटी दुकानों, स्थानीय खाद्य स्टालों, हस्तशिल्प व्यवसायों, टैक्सी सेवाओं, गाइड सेवाओं आदि से अपनी आजीविका कमा रहे हैं।
कई लोगों का कहना है कि पर्यटन के विकास के साथ ही यहां होटल और होम स्टे सेवाओं का भी विस्तार होगा, जिससे इसका और विकास होगा। हालांकि, कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसके सौंदर्यीकरण और विस्तार की योजना बनाई जा रही है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक बेहतरीन अवसर होगा। हालांकि, पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ कुछ चुनौतियां भी आई हैं। प्लास्टिक कचरा, ध्वनि प्रदूषण, अनियंत्रित निर्माण कार्य आदि ने यहां पर्यावरण संतुलन को प्रभावित किया है। इसलिए, इस खूबसूरत जंगल को बचाने के लिए टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं को अपनाना आवश्यक है।
स्थानीय निवासियों, सरकार और पर्यटकों के बीच समन्वय और जागरूकता की आवश्यकता है, ताकि कंचनजंगा झरना के प्राकृतिक और धार्मिक महत्व को संरक्षित किया जा सके। कंचनजंगा झरना सिर्फ सुंदरता का प्रतीक ही नहीं है, यह क्षेत्र के पर्यटन विकास, धार्मिक आस्था और आर्थिक समृद्धि का केंद्र भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसे संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इसकी सुंदरता, महत्व और शांति का अनुभव कर सकें। यह हजारों बेरोजगार ग्रामीणों को भोजन उपलब्ध कराने का काम कर रहा है।
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