राज्य में जल जीवन मिशन हुई विफल

गेजिंग : केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर शुरू की गई महत्वपूर्ण परियोजना जलजीवन मिशन, राज्य के अधिकतर गांवों में सफल नहीं हो पाई है। विफलता की जांच के बाद, यह कहा जा रहा है कि इसमें सरकार का कोई दोष नहीं है। उपभोक्ताओं का कहना है कि संबंधित विभागों और इंजीनियरों की वजह से यह योजना विफल हुई। ग्रामीणों के अनुसार, विभाग द्वारा बिना भूमि सर्वेक्षण किए बनाई गई परियोजना आज ग्रामीण स्तर तक नहीं पहुंच पाई है और गांव जलविहीन हो गया है।

कुछ संबंधित ठेकेदारों से बात करने पर, उनका कहना है कि पाइपों की आपूर्ति में कमी है और ऐसी कई समस्याएं हैं जिनका उल्लेख योजना में नहीं है, जबकि गांव में घरों की संख्या बढ़ गई है। कुछ मुखियाओं ने यह भी शिकायत की है कि उन्हें खुद ही पानी के पाइप खरीदने पड़ रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सरकार का इस जल जीवन मिशन के प्रति गंभीर होना बेहद ज़रूरी है। केंद्र सरकार द्वारा अरबों रुपये खर्च की गई इस परियोजना के आज सफल न होने पर, निश्चित रूप से इसमें भ्रष्टाचार हुआ होगा, इसलिए संबंधित निकायों को जमीनी स्तर पर जाकर इस योजना से जुड़े अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। हर ग्रामीण स्तर से मांग उठने लगी है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां केंद्रीय योजनाओं की निगरानी भी करें।

केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत इस उद्देश्य से की है कि प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध कराया जाए, सूखा प्रभावित क्षेत्रों, रेगिस्तानी क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर नल कनेक्शन प्रदान किए जाएं, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों में कार्यात्मक नल कनेक्शन सुनिश्चित किए जाएं, 15.44 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल का पानी उपलब्ध कराया जाए और 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को नल का पानी उपलब्ध कराया जाए। सभी ग्रामीण घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई यह परियोजना आज राज्य के हर गांव में विफल हो गई है।

जल जीवन मिशन के पीछे का रहस्य यह है कि यह पानी लाने में लगने वाले समय की बचत करता है, जल जनित बीमारियों से बचाव करता है, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करता है और आर्थिक विकास को बढ़ाता है। इस योजना में चुनौतियां भी शामिल हैं। जल संसाधन, बुनियादी ढांचे, वित्तीय संसाधनों, सामुदायिक भागीदारी की कमी। जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है, जिससे उनके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो। ग्रामीणों का कहना है कि एक लक्ष्य के साथ शुरू हुई यह परियोजना अब भ्रष्टाचार तक सीमित हो गई है। ग्रामीण स्तर से मांग है कि सरकार जल जीवन मिशन में हस्तक्षेप करे और इसे गंभीरता से ले और अधूरे कार्यों को पूरा करे।

#anugamini #sikkim

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

National News

Politics