गंगटोक । एसडीएफ ने दावा किया है कि राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य में एसडीएफ अध्यक्ष श्री पवन चामलिंग का कद एक विशेष श्रेणी में है। पार्टी के अनुसार पिछले 40 वर्षों से उनकी वर्ग राजनीति सिक्किम के लोगों के समग्र विकास और सिक्किम के राजनीतिक अधिकारों की सुरक्षा पर केंद्रित रही है। उनकी राजनीति का आकलन उनके 25 वर्षों के ईमानदार और कुशल शासन को देखकर ही किया जाना चाहिए।
इस आशय की बातें यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एसडीएफ के प्रचार प्रसार मामले के उपाध्यक्ष कृष्ण खरेल ने कहा कि विचारहीन विपक्षी नेता कभी उनके व्यक्तिगत चरित्र को लेकर तो कभी उनकी नागरिकता को लेकर बेतुके आरोप लगाते रहे हैं। इतना ही नहीं, उनकी अनूठी छवि को धूमिल करने के लिए कई तरह के गलत बयान भी दिए गए। कभी-कभी उनके परिवार के सदस्यों पर अनावश्यक आरोप लगाए जाते हैं। इस बार तो आरोप हद पार कर गया है। एसकेएम के प्रवक्ता और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जैकब खालिंग ने हालिया बयान में दार्जिलिंग सिक्किम विलय का मुद्दा उठाया और चामलिंग पर आरोप लगाते हुए दुर्भावनापूर्ण बयान दिया। इस तरह के आरोप लगाकर वह एक तरफ अपनी राजनीतिक स्थिति भूल गये हैं और दूसरी तरफ अपनी पार्टी के नेता मुख्यमंत्री पीएस गोले के दार्जिलिंग से राजनीतिक रिश्ते को भी भूल गये हैं। उन्हें भारतीय जनता पार्टी के विधायक नीरज जिम्बा, दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट और कार्सियांग के विधायक बीपी बजगाई के साथ अपने करीबी संबंधों के बारे में सोचना चाहिए।
कृष्ण खरेल ने सवाल किया कि राजू बिष्ट का स्थायी राजनीतिक समाधान कहीं विलय प्रस्ताव तो नहीं था? सिक्किम के लोग जैकब खालिंग को एक माइक्रोफोन-प्रेमी व्यक्ति के रूप में जानते हैं जो झूठ बोलने में कुशल हैं और उटपटांग बयान देते हैं। उनके ऐसे बेतुके बयानों का कोई मतलब नहीं है। इसलिए एसडीएफ पार्टी एक जिम्मेदार व्यक्ति होने के नाते खालिंग को सलाह देती है कि वे किसी भी बयान का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करें। इसमें यह भी सलाह दी गई है कि अधिक सतही बयान देकर जनता को गुमराह न किया जाए।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद एसकेएम पार्टी ने सिक्किम के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय कानूनों का विस्तार किया है। यह तो जगजाहिर है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उनकी अपनी ही पार्टी के सांसद इंद्रहांग सुब्बा से मतभेद हैं। पुराने व्यापारियों के मामले के बाद, संशोधित वित्त अधिनियम ने सिक्किम में अस्तित्व और पहचान को समाप्त कर दिया, लेकिन केवल एक समिति बनाकर एसकेएम सरकार निश्चिंत हो गई और इस पर एक भी बयान नहीं दिया। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के बाद से सिक्किमवासियों के भविष्य पर छाए संकट के बादल को दूर करने के लिए इस सरकार ने कुछ नहीं किया है। ऐसे में खालिंग चामलिंग की ओर मुड़कर अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उसकी एसडीएफ पार्टी कड़ी निंदा करती है।
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