पाकिम : इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग सिक्किम (आईटीएस) द्वारा आज पाकिम के जिला प्रशासनिक केंद्र स्थित सम्मेलन कक्ष में पाकिम जिले के लिए एक समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। यह संस्थान सिक्किम सरकार की एक नवीनतम नीति थिंक टैंक है, जो मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के प्रत्यक्ष नेतृत्व में कार्यरत है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए आईटीएस के उपाध्यक्ष चंद्र प्रकाश शर्मा ने कहा कि गंगटोक के बाद पाकिम को इसलिए चुना गया क्योंकि यह नया जिला है और यहां की ज़रूरतों को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी जमीनी हकीकत से सीधे जुड़े होते हैं, जिससे सही दिशा में योजना बनाना संभव हो पाता है। उन्होंने आईटीएस के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि संस्थान नीतियों का निर्माण, बजट और योजना तंत्र को सशक्त बनाने, विधानसभा क्षेत्र-स्तरीय विकास योजनाएं तैयार करने, परियोजनाओं की निगरानी तथा राज्य को विकसित सिक्किम की दिशा में ले जाने के लिए कार्य करेगा।
उन्होंने निर्माण कार्यों की समयसीमा, लागत और प्राथमिकता आधारित योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया और बेकार पड़ी सरकारी इमारतों के उपयोग पर भी सुझाव दिए। आईटीएस की सदस्य नम्रता थापा ने सभी अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए औद्योगिक केंद्रों के बंद होने के बाद शेष बचे ढांचे की जानकारी मांगी। उन्होंने संबंधित विभागाध्यक्ष को पाकिम जिले में संचालित सभी औद्योगिक इकाइयों की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
आईटीएस सदस्य डॉ भरत चंद्र बशिष्ठ ने ज़ोर दिया कि जनहित से जुड़ी योजनाओं की सघन निगरानी और क्रियान्वयन जरूरी है। उन्होंने विभागीय प्रतिनिधियों से राज्य के विकास के प्रति गंभीरता से कार्य करने की अपील की। आईटीएस सदस्य श्रीमती गंगा देवी प्रधान ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को सरकारी योजनाओं के साथ समन्वय में लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नीतिगत प्राथमिकताओं को एकीकृत करने के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करनी चाहिए। आईटीएस ने सभी विभागाध्यक्षों को यह निर्देश दिए कि वे अद्यतन रिपोर्ट तैयार करें जिसमें डेटा आधारित जमीनी जानकारी, कर्मचारी विवरण, योग्यताएं, समस्याएं और संभावित समाधान स्पष्ट रूप से शामिल हों। इस दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में अहम सुझाव दिए गए।
सीएमओ पाकिम डॉ मदनमणि ढकाल ने स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए स्टाफ पुनर्संरचना और आवश्यकता-आधारित परियोजनाओं की वकालत की। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने हेतु ‘भरोसा’ नामक पहल के तहत प्रत्येक वार्ड में एक पुरुष कर्मी को प्रशिक्षित कर काउंसलर के रूप में नियुक्त करने की योजना साझा की। वहीं शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक श्रीमती पूनम प्रधान ने शिक्षकों की तैनाती में असंतुलन का मुद्दा उठाया, जहां कुछ स्कूलों में अपेक्षाकृत अधिक और कुछ में कम शिक्षक नियुक्त हैं।
बैठक की शुरुआत में योजना और विकास विभाग के संयुक्त निदेशक पालदेन पाजो ने आईटीएस की संरचना, उद्देश्य, कार्यक्षेत्र और संदर्भ बिंदुओं पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि संस्थान सरकार की नीति निर्धारण प्रक्रिया में सहयोग करते हुए स्थायी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति और विकसित सिक्किम की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कार्यरत है। इस बैठक में ज़िला अध्यक्षा श्रीमती लाडेन ल्हामू भूटिया, उपाध्यक्षा श्रीमती प्रभा प्रधान, एडीसी सांगे ग्याछो भूटिया, आईटीएस सदस्य डॉ सांगे दोरजी भूटिया, डॉ नीरज अधिकारी, जेएस लेप्चा तथा विभिन्न विभागों के प्रमुख एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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