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पूर्वोत्‍तर में बुनियादी ढांचे का किया जा रहा है विकास : केंद्रीय मंत्री सिंह

गंगटोक। सिक्किम के एफपीओ एवं एमएसएमई को मजबूत करके निर्यात बढ़ाने हेतु निर्यातकों के क्षमता विकास के लिए आज गंगटोक में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री Dr. Rajkumar Ranjan Singh मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

एसोचैम द्वारा विदेश मंत्रालय के कोलकाता शाखा सचिवालय, नाबार्ड, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और निर्यात क्रेडिट गारंटी निगम लिमिटेड के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक वाईटी लेप्चा ने भी शिरकत की।

इस अवसर पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने नाबार्ड द्वारा संचालित ‘सिक्किम की निर्यात वर्तमान स्थिति और निर्यात संभावना’ रिपोर्ट जारी किया। अपने संबोधन में मंत्री ने विदेश व्यापार नीति 2023 और एमएसएमई एवं महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के प्रौद्योगिकी लाभ, क्षमता और योगदान पर जोर दिया।

उन्होंने सिक्किम की दो दिवसीय यात्रा के दौरान एसएचजी महिलाओं की भागीदारी के साथ केसर की खेती में सरकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्यम-सिक्किम सुप्रीम पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, सरकार महिला उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और सूक्ष्म, लघु, उद्यमियों की क्षमताओं को मजबूत करने और सिक्किम में एमएसएमई साथ ही निर्यातकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे के विकास हेतु महत्वपूर्ण धनराशि प्रदान की है, जिसमें हवाई, सड़क और रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है। यह सिर्फ स्थानों को जोड़ने से कहीं अधिक है, यह अर्थव्यवस्था की बाधाओं को दूर करने और विकास का मार्ग प्रशस्त करने के बारे में है। ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘नेबरहुड फस्र्ट’ नीतियों पर इसका फोकस क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने के प्रति इसके समर्पण को उजागर करता है।

राज्य मंत्री ने आगे कहा कि कृषि निर्यात नीति और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना जैसे सरकारी कार्यक्रमों ने पूर्वोत्तर के प्रमुख आर्थिक जनरेटर के रूप में कृषि की स्थिति को मजबूत किया है। इसके अलावा, क्षेत्र की अर्थव्यवस्था काफी हद तक मजबूत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर निर्भर करती है, जो सरकार से वित्तीय सहायता, प्रौद्योगिकी प्रगति और बाजार पहुंच प्राप्त करते हैं।

वहीं, कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभिषेक सिंह ने प्रतिभागियों को आर्थिक कूटनीति के संदर्भ में विदेश मंत्रालय द्वारा की विभिन्न महत्वपूर्ण पहलों के बारे में जानकारी दी। भारतीय दूतावासों से जुड़ा आयात आवश्यकता और वस्तुओं की प्रकृति का विवरण भी दिया गया।

इसके अलावा, विदेश मंत्रालय की कोलकाता शाखा सचिवालय निदेशक नीलम रानी ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं का भागीदारी की सराहना करते हुए क्षमता विकास और व्यावसायिक खरिदारों में संभावित सहयोग पर प्रकाश डाला। आईओसी महाप्रबंधक संजय कुमार गुप्ता ने वैश्विक व्यापार के पांच प्रतिशत तक पहुंचने के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ निर्यात और कृषि निर्यात नीति के लिए केंद्र सरकार के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने उत्तर प्रदेश में ओडीओपी योजना की सफलता की जानकारी दी और केंद्र सरकार की एक्ट ईस्ट नीति और एनईआर के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित बजट सहायता पर भी विचार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने निर्यात तत्परता सूचकांक में राज्य की रैंक और नीति व्यवसायिक एवं निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र और प्रदर्शन स्तंभ के साथ-साथ राज्य निर्यात दायरे और योग्यता पर भी प्रकाश डाला।

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