गंगटोक, 07 मार्च। सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के प्रवक्ता और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव जैकब खालिंग ने एसडीएफ पार्टी अध्यक्ष पवन चामलिंग द्वारा पार्टी नेता केएन राई पर हुए हमले के कथित मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं होने पर सविनय अवज्ञा आंदोलन की चेतावनी दिए जाने को लेकर उनसे सवाल किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केएन राई पर हमले में मेरी संलिप्तता का सबूत है तो उसे एसडीएफ सार्वजनिक करे।
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खालिंग ने पूछा कि एसडीएफ पार्टी और पवन चामलिंग ने किस आधार पर सविनय अवज्ञा की चेतावनी दी है और अब राज्य में ऐसे आंदोलन की स्थिति कहां बन गयी है? उन्होंने कहा, आज प्रदेश में विकास कार्य हो रहे हैं, युवाओं को रोजगार मिल रहा है। क्या वे इसके खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन करेंगे? आज राज्य सरकार संविधान की धारा 371एफ के आधार पर चल रही है। क्या चामलिंग और एसडीएफ संविधान के अनुच्छेद 371एफ के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन करेंगे?
श्री खालिंग के मुताबिक जिस स्थिति में सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया गया, वह स्थिति राज्य में है ही नहीं। उन्होंने कहा, 2010 में जब एसडीएफ सरकार के दौरान कथित तौर पर राज्यसभा में काला विधेयक पेश किया गया था, तो सिक्किम के लोगों ने स्वत: स्फूर्त रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया था। एसडीएफ पार्टी अब जिस सविनय अवज्ञा आंदोलन की बात कर रही है, वह न सिर्फ सिक्किम बल्कि पूरे देश के लिए खतरा है।
उल्लेखनीय है कि पवन चामलिंग के नेतृत्व में एसडीएफ पार्टी के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल ने कल राजभवन में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि अगर केएन राई पर हमले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे सविनय अवज्ञा आंदोलन करेंगे।
वहीं, केएन राई हमले में अपनी संलिप्तता से आज एक बार फिर इनकार करते हुए जैकब खालिंग ने कहा कि अगर केएन राई पर हमले में मेरी संलिप्तता का कोई सबूत है तो एसडीएफ पार्टी इसे तुरंत मीडिया के सामने पेश करे या इसे पुलिस और अदालत में पेश करे। उन्होंने एसडीएफ से इतने गंभीर मामले पर ओछी राजनीति नहीं करने को कहा। खालिंग ने आगे कहा कि वरिष्ठ राजनेता केएन राई पर हुए हमले से वे भी स्तब्ध हैं और सरकार ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं।
उनके अनुसार, SKM पार्टी और सरकार केएन राई के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है, जबकि एसडीएफ पार्टी इस बात में व्यस्त है कि इस घटना का राजनीतिक लाभ कैसे उठाया जाए। वहीं, हमले के आधार पर एसडीएफ द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग पर उन्होंने कहा कि एसकेएम पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही एसडीएफ पार्टी राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है। एसकेएम प्रवक्ता के अनुसार, किसी भी आरोपी के साथ फोटो होने से हमले में उनकी संलिप्तता साबित नहीं होती है।
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