मंगन : ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’ का शुभारंभ समारोह आज जिला अस्पताल, मंगन के सम्मेलन कक्ष में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मंगन नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती पेमकित लेप्चा, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और सामुदायिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से संचालित स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का उद्देश्य एक एकीकृत और समुदाय-संचालित दृष्टिकोण के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण और सशक्तिकरण को सुदृढ़ बनाना है। सत्र की शुरुआत जिला नोडल अधिकारी (एनसीडी), डॉ एरेन लेप्चा द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत के साथ हुई, जिन्होंने अभियान के उद्देश्यों की व्याख्या की और महिलाओं के स्वास्थ्य और परिवार सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
आयुष विभाग की डॉ डिकिला भूटिया द्वारा महिला स्वास्थ्य और किशोरावस्था के संबंध में आयुष का संक्षिप्त परिचय। स्वास्थ्य शिक्षक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इसके बाद संबंधित विभागों द्वारा प्रतिभागियों का एनीमिया, एनसीडी, ईएनटी और नेत्र परीक्षण किया गया।
एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, इस कार्यक्रम में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के 50 वर्ष पूरे होने का भी जश्न मनाया गया, जिसमें आंगनवाड़ी केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से प्रारंभिक बाल पोषण, देखभाल और स्कूल-पूर्व शिक्षा में इसकी निरंतर भूमिका को मान्यता दी गई।
कार्यक्रम में पोषण निरीक्षक, पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (एडब्ल्यूडब्ल्यू), आंगनबाड़ी सहायिका (एडब्ल्यूएच), स्थानीय छात्राओं का एक बड़ा समूह, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, आयुष चिकित्सा अधिकारी और होम्योपैथी, आयुर्वेद और सोवा-रिग्पा चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर शामिल हुए। उनकी भागीदारी ने मज़बूत अंतर्विभागीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता को दर्शाया। इस आयोजन के एक भाग के रूप में, स्त्री रोग टीम, आयुष चिकित्सकों और होम्योपैथी, आयुर्वेद और सोवा-रिग्पा के विशेषज्ञों ने समर्पित स्वास्थ्य स्टॉल लगाए, जहां उन्होंने जांच, परामर्श और स्वास्थ्य जागरूकता सत्र आयोजित किए। प्रतिभागियों को इन सेवाओं से बहुत लाभ हुआ और उन्हें महिला स्वास्थ्य, किशोर देखभाल, पोषण और जीवनशैली प्रबंधन पर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
इसके अतिरिक्त, एनसीडी विभाग द्वारा रोगों की जाँच के लिए स्वास्थ्य स्टॉल लगाए गए, जिससे गैर-संचारी रोगों का शीघ्र पता लगाना और उनका प्रबंधन सुनिश्चित हुआ। इस आयोजन ने आभा आईडी बनाने की सुविधा भी प्रदान की, जिससे प्रतिभागियों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत अपने डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंचने और उन्हें बनाए रखने में मदद मिली।
इसके अलावा, आंगनबाड़ी केंद्रों ने जैविक खाद्य पदार्थों और स्थानीय रूप से उगाई गई सब्जियों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाए, जो पारंपरिक आहार, स्थानीय उपज और स्वस्थ खान-पान की आदतों के महत्व को बढ़ावा देते थे। इन स्टॉलों ने न केवल पौष्टिक स्थानीय भोजन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि स्थायी पोषण सुनिश्चित करने में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
प्रतिभागियों के बीच आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) सामग्री भी वितरित की गई, जिससे प्रमुख स्वास्थ्य, पोषण और जीवनशैली संबंधी प्रथाओं के बारे में व्यापक जागरुकता सुनिश्चित हुई।
उद्घाटन भाषणों में सभी के लिए पोषण के महत्व पर ज़ोर दिया गया, आईसीडीएस और आंगनवाड़ी सेवाओं के पाँच दशकों के दौरान प्राप्त प्रगति को स्वीकार किया गया और चल रहे स्वास्थ्य एवं पोषण अभियानों में, विशेष रूप से किशोरों और महिलाओं की, अधिक सामुदायिक भागीदारी का आह्वान किया गया।
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