गंगटोक । मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) ने मंगलवार को मनन केन्द्र में आयोजित इंद्रजात्रा कार्यक्रम में भाग लिया। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कृष्णा राई भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर मंत्री, लोकसभा सांसद, विधायक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षद, जीएमसी, विभिन्न विभागों के अधिकारी, पूर्व विधायक, नेपाल, असम, मणिपुर, दार्जिलिंग, कर्सियांग, सिक्किम के गणमान्य व्यक्ति, नेवार गुथी समिति के सदस्य, राज्य के विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सिक्किम के मुख्यमंत्री गोले ने इंद्रजात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला, जो नेवार समुदाय की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा एक त्योहार है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह उत्सव न केवल नेवारों के बीच एकता को दर्शाता है, बल्कि सिक्किम के समृद्ध सांस्कृतिक परिदृश्य के एक महत्वपूर्ण पहलू का भी प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार विश्वकर्मा पूजा और प्रधानमंत्री के जन्मदिन के साथ मेल खाता है, जो इसके महत्व पर बल देता है। इंद्रयात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि राज्य सरकार ने विविध सिक्किमी समुदायों को सफलतापूर्वक एकजुट किया है।
उन्होंने सिक्किम के विविध समुदायों की संस्कृति, परंपराओं और भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मुख्यमंत्री गोले ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री निधि का उपयोग वर्तमान में सामुदायिक विकास और समृद्ध एवं विविध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं, भाषाओं और साहित्य के संरक्षण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और भाषाओं को संरक्षित करने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है। यह एक सामूहिक कर्तव्य है, जिसे पूरे समुदाय को मिलकर अपनाना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से आज के युवाओं से अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने और भावी पीढ़ियों तक इसे पहुंचाने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि किसी की पहचान तभी बनी रहती है, जब उसकी संस्कृति, परंपराएं और भाषाएं संरक्षित रहती हैं।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार सिक्किम के प्रत्येक समुदाय को समर्थन देना जारी रखेगी तथा उन्होंने कहा कि एक अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है, जहां समुदाय आधारित त्योहारों को सिक्किमी त्योहारों के रूप में मनाया जाता है। जिसमें सभी समुदाय शामिल होते हैं। उन्होंने आगंतुकों के लिए सिक्किम के स्थानीय व्यंजनों को प्रदर्शित करने के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि बाहर से आने वाले मेहमानों को हमारे पारंपरिक व्यंजन परोस कर हम न केवल अपनी पाक विरासत को संरक्षित करते हैं, बल्कि इसे दुनिया से भी परिचित कराते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी समुदायों को अपने कार्यों में पारंपरिक बर्तनों और मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने स्कूलों में नेवारी भाषा के शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, बशर्ते कि इस भाषा को सीखने वाले छात्रों की संख्या पर्याप्त हो। उन्होंने सिक्किम नेवार गुथी को नेवार समुदाय के विद्यार्थियों को अपनी भाषा अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा विद्यार्थियों से भी इसे सीखने का आह्वान किया।
मल्ली के विधायक और इंद्रजात्रा आयोजन समिति के संरक्षक नर बहादुर प्रधान ने नेवार समुदाय के लिए मुख्यमंत्री के समर्थन की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। विशेष रूप से नेवार छात्रों को प्रदान की गई छात्रवृत्ति का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इंद्रजात्रा धार्मिक और संस्कृत संस्कृति का प्रतीक है तथा उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए इन समृद्ध परंपराओं को संरक्षित करने में इसके महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री और गणमान्यों ने पीएयू पत्रिका और स्मारिका का विमोचन किया। इंद्रयात्रा संयुक्त समन्वय समिति (आईजेसीसी) के अध्यक्ष एमके प्रधान ने इंद्रयात्रा का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने नेवार संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में एमजी मार्ग पर नेवार स्टॉल्स के महत्व पर जोर दिया, जिससे आगंतुकों को उनके अद्वितीय रीति-रिवाजों, कला और व्यंजनों की झलक मिलती है। उन्होंने इंद्रजात्रा उत्सव को बढ़ावा देने और विज्ञापनों के माध्यम से नेवार संस्कृति को बढ़ावा देने में सहयोग के लिए विभिन्न राज्य सरकारी विभागों के प्रति आभार व्यक्त किया।
सिक्किम नेवार गुथी (एसएनजी) के अध्यक्ष महेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन के दौरान राज्य और अन्य स्थानों से आए गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। सिक्किम नेवार गुथी को वित्तीय सहायता की सराहना करते हुए उन्होंने एसएनजी को उनके अटूट समर्थन के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि नेवार संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में यह समर्थन महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से इंद्रजात्रा जैसे आयोजनों के माध्यम से। एसओएनजी ने मुख्यमंत्री और मैडम कृष्णा राई को भी सम्मानित किया। इसी प्रकार, नेवार समुदाय की हस्तियों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने सामुदायिक सेवा में निस्वार्थ भाव से योगदान दिया। इसमें हरि प्रसाद प्रधान, प्रवीण प्रधान, डॉ डीके प्रधान, प्रताप प्रधान, आरएम प्रधान, डॉ. भरत कुमार प्रधान, श्रीमती कर्ण कुमारी प्रधान, मिलन प्रधान, सुश्री जयश्री प्रधान, प्रतीक प्रधान, आकाश प्रधान और सुश्री सोनिया प्रधान शामिल हैं। कार्यक्रम में सुश्री निर्मला प्रधान, डेनताम द्वारा कुमारा नृत्य, राबिया प्रधान, नामची शाखा द्वारा बज्रयोगिनी नृत्य, चेतन डांस अकादमी द्वारा एकता नृत्य और डेनताम शाखा टीम द्वारा मंजूश्री नृत्य की सांस्कृतिक प्रस्तुति भी हुई। कार्यक्रम का समापन आईजेसी की उपाध्यक्ष श्रीमती रोहिणी प्रधान के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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