गंगटोक : राज्य परिवहन विभाग के तहत मोटर वाहन डिवीजन के सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर, सिक्किम के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट, दुर्घटना पीडि़तों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम और सडक़ सुरक्षा पर दो दिवसीय जागरुकता कार्यशाला आयोजित कर रहा है। आज स्थानीय चिंतन भवन में इसके उद्घाटन अवसर पर विधायक सह परिवहन सलाहकार मदन सिंचुरी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
यहां अपने संबोधन में Madan Cintury ने कहा कि राज्य परिवहन विभाग के तहत मोटर वाहन डिवीजन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के दिशानिर्देशन में काम करते हुए सड़कों और शहरों को और सुरक्षित बनाने की लगातार कोशिशें कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, विभाग ने तीन बड़ी पहलें लागू की हैं, जिनके आईआरएडी, ई-डीएआर और सड़क दुर्घटना पीडि़तों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025 शामिल हैं।
सिंचुरी ने आगे बताया कि सिक्किम में पहली बार सड़क हादसों को डिजिटली इंटीग्रेटेड डेटा सिस्टम के जरिए मैनेज किया जा रहा है, जिसमें पुलिस, परिवहन, हाईवे और स्वास्थ्य विभाग ने पूरी सड़क सुरक्षा मैनेजमेंट के लिए एक यूनिफाइड डेटा सोर्स में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म से दुर्घटना संवेदनशील जोन और ब्लाइंड स्पॉट की पहचान हो पाई है, जिससे सरकार को बेहतर सड़क डिजाइन और सुधार के उपायों के लिए फंडिंग को प्राथमिकता देने में मदद मिली है।
परिवहन सलाहकार ने बताया कि एनएचएआई के साथ एकीकृत कैशलेस ट्रीटमेंट योजना एक्सीडेंट की तारीख से ज़्यादा से ज़्यादा सात दिनों के लिए 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट देती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्कशॉप से पुलिस, ट्रांसपोर्ट, हेल्थ और रोड-ओनिंग एजेंसियों के बीच डिपार्टमेंट के बीच तालमेल में काफ़ी सुधार होगा, जो उन्होंने कहा कि सिक्किम की सडक़ों पर जानें बचाने और पैनल में शामिल अस्पतालों में कैशलेस इलाज तक आसान पहुँच पक्का करने के लिए बहुत ज़रूरी है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से तकनीकी सत्र का पूरा इस्तेमाल करने की अपील की।
इस दौरान, परिवहन आयुक्त सह सचिव प्रभाकर ने विभाग के डिजिटल उपकरणों के जरिए सुरक्षित मोबिलिटी पक्का करने और एनफोर्समेंट मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम 2025 के लागू करने के रोडमैप पर बात की, जिसका मकसद देर से मेडिकल मदद के कारण होने वाली मौतों को कम करना है। उन्होंने बेहतर मॉनिटरिंग और रोड सेफ्टी गवर्नेंस के लिए डिजिटल सिस्टम को जोड़ने में एनआईसी के टेक्निकल सपोर्ट की भी तारीफ की।
कार्यक्रम में गंगटोक, गेजिंग, मंगन, पाकिम, सोरेंग और नामची जिलों के वरिष्ठï पुलिस अधिकारियों को सड़क सुरक्षा यातायात उपकरण भी दिए गए। वहीं, उद्घाटन सत्र के बाद गंगटोक और पाकिम के डीसी, डीआईजी, सभी जिलों के वरिष्ठï पुलिस अधिकारियों के अलावा परिवहन, सडक़ एजेंसी, सारथी वेलफेयर बोर्ड, टैक्सी एसोसिएशन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, एनआईसी चेन्नई के रिसोर्स पर्सन तथा अन्य के साथ एक तकनीकी सत्र भी हुआ।
कार्यक्रम में ऑल सिक्किम चालक वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन सोनम ओंगदुप भूटिया, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण सचिव छेवांग ग्याछो भूटिया, राज्य पुलिस के डीआईजी (कानून-व्यवस्था) ताशी वांग्याल और अन्य उपस्थित थे।
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