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पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार प्रतिबद्ध : राज्‍यपाल

गंगटोक । राज्‍यपाल लक्ष्‍मण प्रसाद आचार्य ने 75वें गणतंत्र दिवस पर राज्‍यवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। यहां जारी अपने शुभ्‍कामना संदेश में उन्‍होंने कहा कि आज के ही महत्त्वपूर्ण दिन में चौहत्तर साल पूर्व हमारे महान राष्ट्र ने अपना संविधान प्राप्त किया था और एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक, गणराज्य के रूप में स्थापित किया था।

उन्‍होंने कहा कि यह शुभ अवसर हमारे पूर्वजों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और अथक समर्पण की याद दिलाता है जिन्होंने अपना जीवन समर्पित कर हमें स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक के रूप में सम्मान के साथ जीने का सौभाग्य प्रदान किया है। उनकी प्रतिबद्धता और वीरता ने हमारे देश में उन्नति और प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। आइए, इस अवसर पर हम उन्हें हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके बलिदानों का सम्मान करें। आज के दिन हम उन महान दूरदर्शी राजकीय कौशल युक्त मनीषियों के प्रति भी गहरा सम्मान और आभार व्यक्त करें, जिन्होंने हमें लिखित संविधान दिया, जो हमारे राष्ट्र निर्माण का आधार है।

इसके साथ ही उन्‍होंने सिक्किम की सुंदरता की तारीफ करते हुए 3 और 4 अक्टूबर, 2023 को प्रकृतिक प्रकोप को भी याद किया और पीडि़त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्‍होंने कहा कि मैं आपको आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि मेरी सरकार ने प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए कई योग्य कदम उठाए हैं और इन्हें क्रियान्वित करने की प्रक्रिया में है। हमारा पुनर्स्थापन कार्य कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति, भारत सरकार के गृह सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से संभव हुआ है, जिसके लिए मैं उन्हें इस मंच से आभार व्यक्त करता हूं। संकट की स्तिथि से उबरने हेतु भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, एनएचआईडीसीएल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सहित राष्ट्रीय आपदा राहत बल के प्रति भी उनके सतत समर्थन और अथक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही राज्‍यपाल ने आपदा के समय सभी सहयोग करने वालों को भी धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने पीडि़त परिवारों के लिए राज्‍य सरकार की ओर से शुरू की गई पुनर्वास योजनाओं की भी चर्चा की।

इसके साथ ही उन्‍होंने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सिक्किम की प्रगति को लेकर भी चर्चा की। हाल में नीति आयोग द्वारा भारत बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट अनुसार, सिक्किम भारत बहुआयामी गरीब आबादी के तीसरे सबसे कम प्रतिशत (3.82 प्रतिशत) स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर 8वें स्थान के साथ, उत्तर पूर्व में सिक्किम ने प्रथम स्थान हासिल किया है। इसी प्रकार, गंगटोक जिला सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक में उत्तर पूर्व क्षेत्र के 103 जिलों में से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला जिला बनकर उभरा है। इसके अलावा, सिक्किम के सोरेंग जिले ने विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में प्रगति करते हुए, मई 2023 में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत देश के 112 जिलों में शीर्ष स्थान हासिल किया है जो हमारे राज्य की विकासात्मक प्रगति को दर्शाता है।

उन्‍होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्वता विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों से स्पष्ट होती है। 2023 में शुरू की गई ‘मेरो रुख मेरो संतति’, जिसका उद्देश्य प्रत्येक नवजात शिशु के जन्म पर 108 वृक्षारोपण कर माता-पिता, बच्चों और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को स्थापित करना है। ये पेड़ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहे हैं। कार्बन-तटस्थ समाज की दिशा में, 300,000 से अधिक पौधरोपण पूरा हो चुका है। इस पहल को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान दुबई में सीओपी 28 में विशेष मान्यता प्राप्त हुई है।

उन्‍होंने कहा कि सिक्किम में क्रेडिट-टू-जीएसडीपी अनुपात दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे निचले स्थान से उठकर सिक्किम अब शीर्ष तीन स्थानों में से एक स्थान सुनिश्चित कर चुका है। 30 सितंबर, 2023 तक, हमारे राज्य में क्रेडिट-डिपॉजिट (सीडी) का अनुपात 64 प्रतिशत देखा गया है। यह पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय है, जो ऋण की पहुंच और उपयोग में सकारात्मक रुझान को दर्शाता है। इसी प्रकार सिक्किम ने वित्तीय समावेशन के साथ अग्रणी पर्वतीय राज्यों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त की है, जहां सभी ब्लॉकों ने पूर्ण बैंकिंग कवरेज प्राप्त की है और कोई भी क्षेत्र बैंकिंग सुविधा से वंचित नहीं है। 30 सितंबर, 2023 के आकड़े अनुसार, गेजिंग जिले ने सफलतापूर्वक 100 प्रतिशत डिजिटल सक्षमता प्राप्त की है। इसके अलावा, शेष पांच जिलों ने अपनी डिजिटल सक्षमता प्रगति में औसतन 90 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर लिया है।

राज्‍यपाल ने कहा कि सिक्किम में प्रति लाख जनसंख्या पर 32 बैंक शाखाएं और 36 एटीएम हैं, जबकि अकेले गंगटोक में प्रति लाख जनसंख्या पर 43 बैंक शाखाएं और 28 एटीएम हैं। यह प्रति लाख जनसंख्या पर 14 बैंक शाखाओं के राष्ट्रीय औसत के बिल्कुल विपरीत है, जो सिक्किम में बैंकों की व्यापक स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। मुझे वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति में उल्लेखित विभिन्न मापदंडों पर हमारे राज्य द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालते हुए भी खुशी हो रही है।

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