गंगटोक । महिला एवं बाल विकास विभाग गंगटोक जिला ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल के तहत गंगटोक के देवराली स्थित पीएमश्री सरकारी बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया। इस कार्यक्रम का विषय बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा : आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता था। बहुभाषी शिक्षा के माध्यम से आपसी समझ और शांति को बढ़ावा देने में साक्षरता के महत्व पर बल दिया गया।
यह कार्यक्रम गंगटोक जिले की एसडब्ल्यूओ सुश्री मणिकला गुरुंग के नेतृत्व में स्कूल के सभागार में स्कूल की प्रधानाचार्य सुश्री अनीता काफले, छात्रों और कर्मचारियों की भागीदारी में आयोजित हुआ। गंगटोक जिले की समाज कल्याण अधिकारी सुश्री मणिकला गुरुंग ने लड़कियों की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह महिला एवं बाल विकास विभाग का मुख्य उद्देश्य है, जिसका उद्देश्य लड़कियों को बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक शिक्षा और कौशल से लैस करना है। ऐसा करके लड़कियां भविष्य में अन्नदाता, संरक्षक, माताएं और समाज में सक्रिय योगदानकर्ता बन सकती हैं।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने, उन्हें घरेलू हिंसा से उबरने, आत्मनिर्भर बनने तथा भविष्य की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लड़कियों को आवश्यक उपकरण और ज्ञान प्रदान करके हम उनकी स्वतंत्रता और लचीलेपन को बढ़ावा देते हैं, जिससे वे किसी भी परिस्थिति का सामना शक्ति और आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
राज्य हब की जेंडर विशेषज्ञ सुश्री निकिता राई ने शिक्षा में बहुभाषिकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि शैक्षणिक प्रक्रिया में अनेक भाषाओं को शामिल करने से न केवल विद्यार्थियों के सीखने के अनुभव समृद्ध होते हैं, बल्कि आपसी समझ और सांस्कृतिक प्रशंसा को भी बढ़ावा मिलता है। लड़कियों को बहुभाषी कौशल से लैस करके, हम उन्हें अपने समुदायों और समाज में प्रभावशाली योगदानकर्ता बनने, संचार को बढ़ाने, आपसी समझ को बढ़ावा देने और संस्कृतियों के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाते हैं।
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