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पूर्व मुख्‍यमंत्री चामलिंग ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

संविधान प्रदत्‍त विशेषाधिकारों के प्रति लोगों को किया आगाह

गंगटोक । भारत के एक वृहद गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने राज्य एवं देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उन्होंने 1975 में भारतीय लोकतंत्र में एक राज्य के तौर पर शामिल होने सिक्किम की विशिष्ट स्थिति एवं संविधान द्वारा प्रदत्त विशेषाधिकारों के प्रति भी लोगों को आगाह किया है।

अपने संदेश में चामलिंग ने कहा, हम भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। 1950 में इस दिन देश का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ और उसके बाद यह एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। उस ऐतिहासिक दिन को 75 साल हो गए हैं और इन सभी वर्षों में हमारे देश ने काफी प्रगति की है। ब्रिटिश कब्जे में रहने वाले एक औपनिवेशिक देश से भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। एक परमाणु संपन्न राष्ट्र बनने, चंद्रमा पर उतरने और सभी को शिक्षा का अधिकार देने तक एक राष्ट्र के रूप में हमारे पास कई उपलब्धियां हैं।

हालांकि, चामलिंग ने इस दिन को ही अपने संस्थापक मूल्यों का पुनर्मूल्यांकन करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा, आज इस बात पर विचार करना चाहिए कि एक देश के रूप में हम कहां हैं। भले ही आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ एक आर्थिक महाशक्ति बन गया है, लेकिन धन और आय की असमानता चरम पर है। आज, भारतीय आबादी के शीर्ष 10 प्रतिशत लोगों के पास ही राष्ट्रीय संपत्ति का 77 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं, आजादी के 77 सालों बाद भी आम लोग अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने हेतु संघर्ष कर रहे हैं। देश बाल श्रम, किसान आत्महत्या, सांप्रदायिक हिंसा, महिला हिंसा, ऋण बंधन और ऐसे कई अन्य मुद्दों के भारी बोझ से जूझ रहा है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें हमें एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने के लिए हल करने की आवश्यकता है। भले ही हमारे पास एक संविधान है जो हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, फिर भी हमें इसके सिद्धांतों पर खरा उतरने के लिए अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।

एसडीएफ प्रमुख ने आगे कहा, राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में सिक्किम का मसला खास है। जनमत संग्रह के माध्यम से जनता की इच्छा का सम्मान करते हुए 14 अप्रैल 1975 को सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना था। उनके अनुसार, भारत में विलय करके हमने राष्ट्र और लोकतंत्र के प्रति अपनी देशभक्ति एवं प्रतिबद्धता व्यक्त की। सिक्किम भारत का एक विशेष श्रेणी का राज्य बना और अनुच्छेद 371एफ यहां के लोगों की विशेष पहचान और सुरक्षा की गारंटी बन गया। लेकिन अब यह राज्यवासियों का कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि वे इन विशेष प्रावधानों का उपयोग करें और साथ ही अनुच्छेद 371एफ द्वारा तय विशेषाधिकारों की रक्षा करें। अगर लोग ही अक्षम और असुरक्षित हो जाएंगे तो राज्य और देश भी कई तरह से खतरे में पड़ जाएगा।

इसके साथ ही चामलिंग ने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सभी बहादुर सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों का बलिदान देने वालों को भी याद करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया एवं श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, गणतंत्र दिवस पर हमें न केवल अपनी देशभक्ति का जश्न मनाना चाहिए बल्कि अपने लोकतंत्र के आदर्शों को बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को भी पहचानना चाहिए।

#anugamini #sikkim

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