गंगटोक : सिक्किम की प्रसिद्ध लोक नर्तकी दिलू तमांग को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी द्वारा 12 अप्रैल को जापान के ओसाका में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम “उल्लास” में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सामाजिक संस्था कोमोची कोबे द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारतीय लोक कलाओं को बढ़ावा देना है।
पूर्वी सिक्किम के तादोंग 6 माइल की निवासी दिलू तमांग, मारुनी, घाटु और तमांग सेलो सहित पारंपरिक सिक्किमी लोक नृत्यों का प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने अपने चयन के बारे में बात करते हुए कहा, यह एक सपना सच होने जैसा है। मैं न केवल अपने राज्य बल्कि अपने देश का भी ऐसे प्रतिष्ठित मंच पर प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मानित महसूस कर रही हूँ। लोक नृत्य मेरी आत्मा है, और मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी कला के माध्यम से सीखना और प्रेरित करना जारी रखूंगी।
उल्लेखनीय है कि दिलू तमांग का चयन इसलिए खास है कि वह संगीत नाटक अकादमी द्वारा कठोर चयन प्रक्रिया के बाद समूचे भारत भर से चुने गए केवल तेरह कलाकारों में से एक हैं। ऐसे में, यह एक ऐसा अवसर है जो न केवल उनकी प्रतिभा को उजागर करता है बल्कि हिमालयी राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर भी प्रकाश डालता है।
दिलू, जिन्हें दिल कुमारी तमांग के नाम से भी जाना जाता है, न केवल एक कलाकार हैं, बल्कि एक कोरियोग्राफर, नृत्य निर्देशक और शिक्षिका भी हैं। वह 2014 से सिक्किम में सह-संस्थापक पासंग शेरपा के साथ डायनेमिक फ्लिकर्स डांस अकादमी चला रही हैं और राज्य भर में युवा नर्तकियों को प्रशिक्षित करती रहती हैं। बचपन में ही उन्होंने स्कूल और राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों में प्रदर्शन करना शुरु कर दिया था। नृत्य के प्रति उनका जुनून पिछले कुछ सालों में और भी मजबूत होता गया है। तादोंग कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक, दिलू ने मुंबई में टेरेंस लुईस प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट में पेशेवर रूप से प्रशिक्षण लिया है। उन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022, राज्य पुरस्कार विजेता-नृत्य सेवाश्री सम्मान 2023 और दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रस्तुत किये गये वंदे भारतम 2023 की विजेता का सम्मान शामिल हैं।
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