गंगटोक : वाणिज्यिक परिसर में आगजनी से संबंधित घटनाओं के दौरान आपातकालीन तैयारियों के मूल्यांकन, रेस्पांस प्रोटोकॉल परीक्षण और संबंधित एजेंसियों के बीच मजबूत समन्वय सुनिश्चित करने की दिशा में आज स्थानीय लाल बाजार स्थित कंचनजंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में अग्नि सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की गई। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित इस अभ्यास में जिला मजिस्ट्रेट सह डीडीएमए अध्यक्ष तुषार निखारे, पुलिस अधीक्षक महेंद्र सुब्बा, एसडीएम महेंद्र छेत्री, डीएसी अधिकारी, डीडीएमए एवं सिक्किम पुलिस के कर्मचारी, एसडीआरएफ टीम और व्यपारिक संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस दौरान, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तीसरी मंजिल पर आग लगने का नकली परिदृश्य तैयार किया गया। इस पर कार्रवाई के तहत, आगजनी की सूचना मिलने पर सिक्किम अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं ने तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए आग को सफलतापूर्वक बुझा दिया और एसडीआरएफ द्वारा घायलों को सुरक्षित बचा कर एसटीएनएम आपातकालीन इकाई में ले जाया गया। वहीं, अभ्यास के बाद एमजी मार्ग स्थित जिला नियंत्रण कक्ष में डीएम तुषार निखारे की अध्यक्षता में समीक्षा और ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान, डीएम ने भाग लेने वाली सभी टीमों के समन्वित प्रयासों की सराहना करते हुए विस्तृत प्रतिक्रिया साझा की। उन्होंने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में बेहतर तैयारियों की आवश्यकता पर बल देते हुए बचाव में आसानी के लिए बुनियादी स्ट्रेचर रखे जाने, हर मंजिल पर फस्र्ट ऐड बॉक्स उपलब्ध कराने और आपात स्थिति के दौरान बेहतर दृश्यता के लिए अंधेरे में चमकने वाले निकासी संकेत लगाने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने परिसर के प्रवेश द्वार पर केबलों का उचित प्रबंधन और सुरक्षा करने, आस-पास के शेल्टर क्षेत्रों की पहचान और निकासी मार्गों को स्पष्ट रूप से सीमांकित करने का भी निर्देश दिया।
इसके अलावा, डीएम ने स्वयंसेवकों को बुनियादी प्रशिक्षण और पहचान पत्र जारी करने, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्वचालित स्प्रिंकलर सिस्टम को फिर से सक्रिय करने और जल भंडारण टैंकों की नियमित सफाई के माध्यम से नागरिक सुरक्षा सेवाओं के पुनरुद्धार पर भी बात की। उन्होंने परिसर की सफाई और रखरखाव में उल्लेखनीय सुधार के लिए गंगटोक नगर निगम और सभी संबंधितों की सराहना की।
वहीं, गंगटोक के पुलिस अधीक्षक महेंद्र सुब्बा ने रियल टाइम आपात स्थितियों के प्रबंधन में टीम वर्क को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस तरह की समन्वित कार्रवाई से हताहतों की संख्या को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि किसी भी वास्तविक आपात स्थिति में सभी संबंधित कर्मचारी और स्वयंसेवक आगे आएंगे और तत्परता और एकता के साथ अपनी भूमिका निभाएंगे।
आज के सत्र में विभिन्न संबंधित विभागों और एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी भी देखी गई, जिन्होंने अभ्यास के अनुभव के आधार पर अपने अवलोकन, निष्कर्ष और सुझाव साझा किए। इसमें सभा और निकासी बिंदुओं को सुरक्षित करने, वास्तविक आपातकालीन स्थितियों में स्वयंसेवकों की भूमिका को मजबूत करने और अन्य आवश्यकताओं पर विचार-विमर्श किया गया।
बाद में, डीडीएमए उप निदेशक सोनम वांग्याल लेप्चा ने सभी हितधारकों की भागीदारी और योगदान की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया। उन्होंने निष्पादन में कुछ खामियों की ओर भी इशारा किया, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि भविष्य में बेहतर तैयारी के लिए उन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए और उनका समाधान किया जाना चाहिए।
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