गंगटोक । सिक्किम सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा अविनाश खरे का कार्यकाल पूरा हो गया है। उन्होंने 11 अक्टूबर 2018 को सिक्किम विश्वविद्यालय के तीसरे कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था।
अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने अपना पद छोड़ दिया और प्रो ज्योति प्रकाश तमांग को सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार सौंप दिया है। विश्वविद्यालय में आज निवर्तमान कुलपति खरे के लिए एक विदायी समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, प्राचार्य और छात्र शामिल हुए। सिक्किम केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2008 में भारत सरकार अधिनियम के अनुसार की गई थी।
विश्वविद्यालय कैंपस दक्षिण सिक्किम के यांगगांग में है। लेकिन निर्माण पूरा नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय की अधिकांश कक्षा अभी भी गंगटोक के विभिन्न स्थानों पर किराये के भवन में संचालित किया जाता है। अभी कुछ समय पहले यांगगांग में निर्माणाधीन कैंपस में कुछ विषयों का अध्ययन शुरू हुआ है, जिनके लिए प्रयोगशाला की आवश्यकता नहीं है। इस तरह निवर्तमान कुलपति डा खरे ने अपने ही कैंपस में पढ़ाई शुरू कराने में विशेष योगदान दिया है।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रोफेसर खरे ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानो में सेवा किया है। सिक्किम विश्वविद्यालय के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया है। बयान में कहा गया है कि वह एक सक्षम प्रशासक थे, जिन्होंने विश्वविद्यालय को गंगटोक में किराए के मकानों से यांगंग में अपने स्थायी परिसर में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करके गहन नेतृत्व कौशल दिखाया है। प्रोफेसर अविनाश खरे के कुशल नेतृत्व में सिक्किम विश्वविद्यालय भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाले पहले विश्वविद्यालयों में से एक बन गया है। उनके कुशल मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व में सिक्किम विश्वविद्यालय ने भी सिक्किम राज्य में केसर की खेती पर ऐतिहासिक शोध शुरू किया है।
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