किताम बर्ड सेंक्चुरी में पर्यावरण जागरुकता कार्यक्रम आयोजित

नामची : नामची वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत आने वाले किताम बर्ड सेंक्चुरी (केबीएस) में आज कनेक्ट टू अर्थ-कनेक्ट टू फ़ॉरेस्ट शीर्षक के साथ पर्यावरणीय जागरुकता, बर्डिंग प्रोत्साहन एवं वन प्रबंधन पर केन्द्रित कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।

यह कार्यक्रम केबीएस के एनआईसी भवन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन रोशन तिवारी ने किया, जबकि स्वागत भाषण लीनस प्रधान ने प्रस्तुत किया। उन्होंने केबीएस संरक्षण अभियान में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया। औपचारिक सत्र के दौरान प्रमुख अतिथि और वक्ताओं को पारंपरिक रूप से खादा अर्पित कर सम्मानित किया गया।

ग्रेजुएट फॉरेस्टर ने सेंक्चुरी में बढ़ती कूड़ा-प्रबंधन चुनौतियों, जैविक-अजैविक कूड़ा पृथक्करण प्रणाली, प्लास्टिक उपयोग में कमी तथा स्थानीय हितधारकों के सहयोग की आवश्यकता पर तकनीकी प्रस्तुति दी। इसके बाद जीपीयू स्टाफ ने ग्राम स्तर पर संचालित कूड़ा–प्रबंधन प्रथाओं, जनसहभागिता तथा संभावित सुधारों पर जानकारी साझा की। इसी क्रम में आरओ-केबीएस योगेश सुब्बा ने नए वन नियमावली, चरन प्रबंधन, अवैध चरन नियंत्रण तथा जंगली बंदर से होने वाले नुकसान को कम करने के उपायों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रोशन कौशिक का सत्र रहा। उन्होंने स्थानीय युवाओं के लिए बर्डिंग को रोजगार के साधन और ग्रामीण इको-टूरिज्म के अवसर के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर विस्तृत दृष्टिकोण साझा किया। केबीएस में पाई जाने वाली दुर्लभ पक्षी प्रजातियां, बर्ड-वॉचिंग आचार-संहिता तथा विज़िटर मैनेजमेंट आज की प्रमुख चर्चाओं में रहे।

इस अवसर पर सक्रिय बर्ड वॉचर्स को ओएफओ कार्यालय द्वारा टोकन ऑफ अप्रीसिएशन प्रदान किया गया। एचएफजी लीना छेत्री ने प्रकृति-मानव संबंध, समुदाय आधारित संरक्षण तथा केबीएस की जैविक समृद्धि पर प्रेरक प्रस्तुति दी। इसके बाद ज़िला पंचायत सदस्य रिमिका तमांग ने स्थानीय स्तर से संरक्षण, स्वच्छता एवं इको-टूरिज्म विकास में निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।

समापन सत्र में नाम्ची वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ एंजल ओंगमू छेत्री ने कार्यक्रम के सभी सत्रों का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि केबीएस को सतत संरक्षण एवं समुदाय-सहभागिता के उत्कृष्ट मॉडल के रूप में स्थापित करने के लिए सभी पक्षों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। अंत में सबीना गुरुंग ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं, स्थानीय प्रतिनिधियों, समुदाय सदस्यों, छात्रों एवं सहयोगी पक्षों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।

आज सम्पन्न इस कार्यक्रम से प्राप्त विचारों, प्रतिबद्धताओं और योजनाओं ने केबीएस को स्वच्छ जंगल अभियान, वैज्ञानिक वन प्रबंधन, इको-टूरिज्म प्रोत्साहन तथा समुदाय-आधारित संरक्षण के नए चरण की ओर सशक्त रूप से अग्रसर किया है।

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