सोरेंग । मानसून के लिए जिले की तैयारियों पर चर्चा और समीक्षा के लिए सोमवार को आरडीडी कार्यालय के रुर्बन कॉम्प्लेक्स स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में एक बैठक आयोजित की गई। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता डीसी सोरेंग सह अध्यक्ष (डीडीएमए) सुश्री यिशे डी योंगडा ने की।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष (सोरेंग जिला) सीबी कामी, सोरेंग के डीएसी धीरज सुबेदी, आईआरबी के द्वितीय कमान अधिकारी एके तमांग, एडीसी गयास पेगा, एसडीएम (मुख्यालय) डीआर बिष्ट, पंचायतों के प्रतिनिधि, एचओडी और लाइन विभागों के अधिकारी, पुलिस अधिकारी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, डीएएन ऊर्जा, गैर सरकारी संगठनों और अन्य संघों के प्रतिनिधि, एसएसबी अधिकारी और आपदा मित्र उपस्थित थे।
डीसी ने बैठक के उद्देश्य को बताते हुए सभी विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने किसी भी समय किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति को टालने के लिए हितधारकों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को विशेष रूप से निचले क्षेत्रों में डेंगू, टाइफाइड जैसी जल जनित बीमारियों के प्रति जागरूकता लाने तथा इसके लिए एहतियाती उपाय करने, मौसमी फ्लू और सर्पदंश के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं का भंडारण करने के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने पीएचई विभाग को निर्देश दिया कि वे जल भंडारों का प्रदूषण के विरुद्ध गहन निरीक्षण सुनिश्चित करें।
इसके अलावा, उन्होंने पूरे जिले में जलाशयों और टैंकों की वार्षिक सफाई अभियान जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के समाधान की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित किया तथा लोगों को पेशेवर सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आपदा प्रतिक्रिया टीम के लिए अतिरिक्त जनशक्ति के रूप में भूमि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत नव-नियुक्त कर्मचारियों की क्षमता निर्माण पर प्रकाश डाला। सड़क एवं पुल विभाग को सड़कों के रखरखाव तथा आपूर्ति एवं आपातकालीन कर्मियों के आसान एवं सुलभ आवागमन के लिए अन्य वैकल्पिक मार्गों की पहचान करने के निर्देश दिए गए।
परिवहन विभाग को यातायात और वाहनों की आवाजाही को विशेष रूप से आपातकालीन स्थिति के दौरान विनियमित करने के लिए कहा गया। इसी तरह, उन्होंने मिट्टी के अवैध डंपिंग के खिलाफ निर्देश दिया, जो संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा पैदा कर सकता है।
बैठक के दौरान डीसी ने जिले में घटती प्रजनन दर के चिंताजनक मुद्दे पर भी बात की तथा इस मुद्दे पर जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी प्रकार, डीसी को मानसून से संबंधित विभिन्न चिंताओं और मुद्दों से अवगत कराया गया। बैठक के एजेंडे के अलावा डीसी ने सदन को पीएम गतिशक्ति कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी और उपस्थित विभागाध्यक्षों और अधिकारियों को पोर्टल से परिचित होने के लिए कहा। इसका उद्देश्य योजना, वित्तपोषण, नवाचार और प्रौद्योगिकी के लिए व्यापक समर्थन के साथ एक मल्टी-मॉडल नेटवर्क विकसित करना है। बैठक में स्वागत भाषण डीपीओ सुश्री रजनी पेगा ने प्रस्तुत किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन एडीसी धीरज सुबेदी ने रखा।
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