मंगन : कोलकाता स्थित राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम-लिनाक क्षेत्रीय केंद्र द्वारा केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय और राज्य मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से आज पीएम श्री मंगन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पीएमएमएसवाई, एफआईडीएफ और एलआईएफआईसी पर एक जिलास्तरीय जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मत्स्य पालन सलाहकार अमर प्रसाद शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ, मंगन जिला सहायक मत्स्य पालन निदेशक योवा राज शर्मा, सहायक सहकारिता रजिस्ट्रार पेमा वांगचुक भूटिया, मंगन मत्स्य पालन प्रखंड अधिकारी रोशन सुब्बा एवं अन्य भी शामिल हुए।
इस अवसर पर वाईआर शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों में मौजूदा योजनाओं और उनके संबंधित लाभों के बारे में जागरुकता पैदा करना है। वहीं, सहायक सहकारिता रजिस्ट्रार पेमा वांगचुक भूटिया ने मत्स्य पालन क्षेत्र में सहकारिता की भूमिका के बारे में बताते हुए सहकारी मूल्यों और सिद्धांतों के महत्व पर प्रकाश डाला। जिला मत्स्य पालन प्रखंड अधिकारी रोशन सुब्बा ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और जिले में इसके कार्यान्वयन पर अपनी एक विस्तृत प्रस्तुति में योजना के उद्देश्यों और प्रगति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए मत्स्य पालन विकास को बढ़ावा देने और स्थानीय मत्स्यपालकों की आजीविका में सुधार लाने में इसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने मछलियों की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन भी किया और मछली पालन के पोषण संबंधी और आर्थिक लाभों के बारे में बताया। साथ ही, उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र को सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
इसके अलावा, अतिरिक्त मत्स्य पालन निदेशक सीएस राई ने पीएमएमएसवाई पर प्रस्तुति की सराहना करते हुए इसमें मत्स्य पालन क्षेत्र और मछली पालन के लाभों के बारे में कुछ और बातों को जोड़ा। उनके साथ, सलाहकार अमर प्रसाद शर्मा ने किसानों को मत्स्य पालन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य न केवल मंगन जिले में, बल्कि पूरे सिक्किम राज्य में मछली की आपूर्ति करना है। उन्होंने उच्च ऊँचाई पर पाई जाने वाली मछलियों के आर्थिक मूल्य पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एनसीडीसी के वरिष्ठ सहायक संजीव कर्मकार ने अपनी प्रस्तुति में आजीविका एवं मत्स्य पालन निवेश प्रतिस्पर्धात्मकता कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मछली से संबंधित व्यवसायों से जुड़ा कोई भी व्यक्ति अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए एलआईएफआईसी का हिस्सा बन सकता है। इसके बाद, एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछने के साथ अपने विचार भी साझा किए। कार्यक्रम में मत्स्य पालन निदेशक केके श्रेष्ठ, आरओ सोनम छिरिंग भूटिया, बीओ छिरिंग पालजोर भूटिया, बीओ वांगचुक लाचुंग्पा एवं अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
#anugamini #sikkim
No Comments: