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मानसून को लेकर सुरक्षा तैयारियों पर हुई चर्चा

गेजिंग । गेजिंग जिले के जिला पंचायत भवन के सम्मेलन हॉल में मानसून की तैयारी को लेकर कार्यालय प्रमुखों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से जिले में आसन्न मानसून के मौसम के लिए संबंधित विभागों द्वारा सुरक्षा उपायों और तैयारी पर चर्चा की गई।

बैठक की अध्यक्षता गेजिंग के डीसी व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एम भरानी कुमार (आईएएस) ने की। उनके साथ गेजिंग के एडीसी सह डीडीएमए के सदस्य खेमराज भट्टाराई, एएसपी बिजॉय सुब्बा, एसएसबी 36वीं बटालियन के कमांडेंट अजीत मोहन, एडीसी (विकास) सूरत कुमार गुरुंग, एसडीएम (मुख्यालय) सुश्री तिरसांग तमांग और एसडीएम एनबी विश्वकर्मा उपस्थित रहे।

बैठक में स्वास्थ्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, पीएमजीएसवाई, विद्युत, पीएचईडी, कृषि एवं बागवानी, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग, एसएसबी और एनएचआईडीसीएल के प्रतिनिधियों ने एक विस्तृत पावर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से जिले में मानसून से उत्पन्न आपदा को कम करने के लिए संबंधित विभागों और एजेंसियों द्वारा किए गए तैयारी उपायों और तंत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

गेजिंग के डीसी-सह-अध्यक्ष डीडीएमए भरणी कुमार ने मानसून के मौसम के दौरान संभावित नुकसान को कम करने के लिए समयबद्ध योजना और उपायों के कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संबंधित विभागों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया, जिसे अभूतपूर्व परिस्थितियों के दौरान आवश्यक सहायता के संबंध में प्रभावी संचार और प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी सौंपी गई।

डीडीएमए के अध्यक्ष ने विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की तथा संस्थागत तंत्र में एसडीएम और बीडीओ की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने 2024 के आम चुनाव संपन्न होने के बाद संभावित मॉक अभ्यास के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने संबंधित विभागों और सशस्त्र सीमा बल के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिले में मानसून की तैयारियों के उचित स्तर को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

डीसी ने जिले में जलविद्युत परियोजनाओं के प्रतिनिधियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की मानक संचालन प्रक्रियाओं का विधिवत पालन करते हुए सुरक्षा उपायों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। एडीसी श्री भट्टराई ने सदन को घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के बारे में विस्तार से बताया तथा जिले में इसके अनिवार्य कार्यों की जानकारी दी।

उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान क्षति को कम करने की तैयारी के संबंध में सभी हितधारकों से सक्रिय और निवारक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से संबंधित विभाग और एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे मानसून संबंधी आपदाओं के प्रति प्राथमिक शमन हस्तक्षेप के रूप में सड़कों की नालियों और पुलियों की सफाई और रखरखाव, गांव की सड़कों की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित करें।

उन्होंने विभागाध्यक्षों, उपमंडलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्राधिकार में पर्यवेक्षी भूमिका निभाने का निर्देश दिया, ताकि समयबद्ध कार्रवाई और रिपोर्टिंग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने इस अवसर पर जिले में प्राकृतिक आपदा और संकट की अभूतपूर्व घटनाओं के दौरान प्रदान की गई सेवाओं के लिए पुलिस, अग्निशमन और एसएसबी कर्मियों की सराहना की।

जिला परियोजना अधिकारी, आपदा प्रबंधन गणेश कुमार राई ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 पर संक्षिप्त चर्चा की तथा सदस्यों की सहमति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जिले में डीडीएमए के महत्वपूर्ण कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की जानकारी दी। उन्होंने सदन में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (नियंत्रण कक्ष) और उसके कार्यों के बारे में भी जानकारी साझा की। अध्यक्ष के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ ही बैठक में संपन्न हुआ।

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