गंगटोक : विकलांगों की बेहतरी हेतु पहलों को लेकर राज्य विकलांग सलाहकार बोर्ड की एक बैठक आज समाज कल्याण; महिला, बाल, वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग कल्याण मंत्री सह बोर्ड अध्यक्ष सामदुप लेप्चा की अध्यक्षता में चिंतन भवन में आयोजित हुई। इस अवसर पर विधायक सह समाज कल्याण सलाहकार एवं बोर्ड उपाध्यक्ष पामिना लेप्चा, विधायक सह शहरी विकास सलाहकार दिले नामग्याल बारफुंग्पा और बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।
बैठक की शुरुआत में महिला, बाल, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग कल्याण सचिव नॉर्मित लेप्चा ने अपने स्वागत भाषण में सामाजिक योगदान में विकलांगों की सक्षमता पर प्रकाश डालते हुए जोर दिया कि संबद्ध विभागों के सामूहिक ज्ञान और समन्वित प्रयासों के माध्यम से राज्य में सभी विकलांगों के लिए समावेश, अधिकार और सम्मान के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए एक स्पष्ट रास्ता तैयार किया जा सकता है।
इस अवसर पर मंत्री सह राज्य सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष सामदुप लेप्चा ने समावेशी, सुलभ और समतावादी समाज के निर्माण में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। सुगम्य भारत शिविर के तहत भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुगम्यता के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने दोहराया कि समुदायों के भीतर सहानुभूति और समझ को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता और संवेदनशीलता गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने समावेशिता की पुरजोर वकालत की और कहा कि दिव्यांग समान सम्मान और अवसरों के हकदार हैं। उन्होंने भेदभाव को खत्म करने और सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन में दिव्यांगों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास का आग्रह किया। साथ ही, उन्होंने विभागों को न केवल समान अधिकारों और अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कानून एवं नीतियां लागू करने बल्कि उनकी कड़ी निगरानी करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
इसके साथ ही, मंत्री ने “सुनहरे, समृद्ध और समर्थ सिक्किम” के साझा दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए सरकार और नागरिक समाज के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान रचनात्मक चर्चा में प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों द्वारा साझा किए गए विचार अधिक समावेशी और विनम्र सिक्किम बनाने की दिशा में मूल्यवान साबित होंगे।
बैठक के बाद, अतिरिक्त सचिव सह विभागीय नोडल अधिकारी ताशी चोडेन भूटिया ने विकलांगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी। इसमें विकलांगों के अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन में स्थिति, चुनौतियों और प्रगति से संबंधित प्रमुख पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। प्रस्तुति में विकलांगता प्रमाण पत्र और यूडीआईडी कार्ड जारी करने, केंद्रीय एवं राज्य पेंशन योजनाओं के माध्यम से प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की सीमा, छात्रवृत्ति और पुरस्कार के रूप में शैक्षिक सहायता तथा विवाह प्रोत्साहन अनुदान जैसे सामाजिक समावेशन उपायों पर चर्चा भी शामिल रही। इसके अलावा, प्रस्तुति में बुनियादी ढांचे की पहुंच, व्यावसायिक प्रशिक्षण, विशेष स्कूलों की भूमिका और पुनर्वास केंद्रों के कामकाज को संबोधित किया गया।
इस दौरान, सभी संबंधित विभागों और हितधारकों से राज्य में दिव्यांगों के लिए अधिक समावेशी और सहायक प्रणाली बनाने की दिशा में तालमेल से काम करने का आग्रह किया गया।
प्रस्तुति के बाद, चर्चा में संबंधित विभागीय अधिकारियों ने दिव्यांगों की भलाई हेतु अपनी भूमिकाओं, योजनाओं और पहलों से सदन को अवगत कराया। इसके अलावा, बैठक में राज्य भर में दिव्यांग कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रमुख सिफारिशों पर भी विचार-विमर्श किया गया। वहीं, बैठक के दौरान जिलेवार अपडेट भी साझा किए गए जिनमें खास कर गंगटोक, पाकिम और नामची जिलों द्वारा अपने इनपुट और सुझाव प्रस्तुत किए।
बैठक में विभागाध्यक्ष, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक, सिक्किम विकलांग सहायता समिति के प्रतिनिधि, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी और महिला, बाल, वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
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