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BRO के महानिदेशक ने मुख्‍यमंत्री व मुख्‍य सचिव से की बात

गंगटोक, 07 अक्टूबर । सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने सिक्किम में तीस्ता नदी के किनारे वाले आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दो दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) और मुख्य सचिव वीबी पाठक के साथ बातचीत की।

उन्होंने बताया कि BRO की सबसे बड़ी प्राथमिकता उत्तर सिक्किम में फंसे पर्यटकों और आमलोगों को सुरक्षित निकालने में राज्य प्रशासन की सहायता करना और बीआरओ शिविरों में लोगों की बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान करना है। इसके साथ ही उन्होंने चुंगथांग और लाचेन में संचार लाइनों की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने हेतु बीआरओ की भावी कार्य योजना तैयार करते हुए कहा कि सेना, राज्य प्रशासन, एनडीएमए और एसडीएमए के साथ मिलकर बीआरओ पूर्ण समन्वय में काम कर रहा है।

गौरतलब है कि उत्तर सिक्किम के लाचेन इलाके में अवस्थित साउथ ल्होनक लेक में ग्लेशियल लेक विस्फोट से आई बाढ़ के कारण राज्य में 22 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसे में बीआरओ का प्रोजेक्ट स्वस्तिक चुंगथांग से मंगन तक महत्वपूर्ण संचार लाइनों को बहाल करने के अलावा राहत व बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

जानकारी के अनुसार, बीते एक अक्टूबर को ही बीआरओ महानिदेशक का पदभार ग्रहण करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने प्रोजेक्ट स्वास्तिक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर मनोज गुप्ता के साथ उत्तर सिक्किम में बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित नागा गांव और टूंग ब्रिज साइट का दौरा किया, जो चुंगथांग तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सिंगताम, डिक्चू, टुंग, चुंगथांग और लाचेन से सटे इलाकों में किए जा रहे राहत कार्यों का भी जायजा लिया और बीआरओ के बहादुर कर्मयोगियों के साथ बातचीत भी की। ये कर्मयोगी खराब मौसम एवं कठिन परिस्थितियों में में अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं। डीजी ने उनका मनोबल बढ़ाया और हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट स्वस्तिक के बहादुर कर्मयोगियों ने इस प्राकृतिक आपदा के दौरान सिंगताम, चुंगथांग, मेल्ली और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 200 से अधिक लोगों को बचाया है। वहीं, प्रोजेक्ट स्वस्तिक के व्हील डोजर, जेसीबी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों द्वारा चुंगथांग और सिंगताम शहर में जमा नदी की गाद को साफ किया जा रहा है। इस प्रलयंकारी प्राकृतिक आपदा के कारण मंगन के आगे 13 पुलों को नुकसान पहुंचा है और सड़क बुरी तरह टूट गई है। इन्हें बहाल करना बीआरओ के लिए एक बड़ी चुनौती है। आपदा में बीआरओ के चार सीपीएल कर्मयोगी अभी भी लापता हैं और अचानक आई बाढ़ में बीआरओ के काफी उपकरण और निर्माण सामग्री बह गई हैं।

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