गंगटोक : विकसित कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए) पूरे देश में कृषि जागरुकता और ग्रामीण सशक्तिकरण को आगे बढ़ा रहा है। इसको लेकर मंगलवार को गंगटोक जिले के नांदोक ब्लॉक के अंतर्गत रोंगाय तथांगछेन और भुसुक नैताम ग्राम पंचायत इकाइयों में इसके दसवें दिन का आयोजन एक और प्रभावशाली मील का पत्थर साबित हुआ। महिलाओं और युवाओं सहित 170 से अधिक किसानों की भागीदारी के साथ इस कार्यक्रम ने सिक्किम के कृषक समुदायों के सेवाओं और योजनाओं को पहुंचाया।
कृषि विज्ञान केंद्र (रानीपुल) द्वारा कृषि, बागवानी, पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवाएं और मत्स्य पालन विभाग के साथ निकट समन्वय में आयोजित इस अभियान ने समावेशी ग्रामीण विकास प्रदान करने में अभिसरण की ताकत का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में भुसुक नैताम और रोंगे तथांगचेन जीपीयू के अध्यक्ष क्रमशः आवा डोमा और मिंगर दोरजी भूटिया तथा अन्य पंचायत सदस्यों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवान्वित किया। उन्होंने वीकेएसए के तहत क्रियान्वित सहयोगात्मक दृष्टिकोण की सराहना की तथा किसानों से इस पहल के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।
दिन के कार्यक्रम में आईसीएआर-सिक्किम केंद्र के प्रमुख डॉ अशोक कुमार ने भाग लिया, जिन्होंने पहाड़ी कृषि के संदर्भ में समावेशी कृषि उन्नति के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उनके साथ एक मजबूत तकनीकी टीम भी शामिल थी, जिसमें आईसीएआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शॉन कुमार दास, विषय वस्तु विशेषज्ञ (पौधा प्रजनन) डॉ जनक कुमार सिंह, केवीके पूर्वी सिक्किम के एसएमएस (बागवानी) बोनिफेस लेप्चा और सीएईपीएचटी के सहायक प्रोफेसर डॉ अभिषेक पटेल शामिल थे। राज्य विभाग के प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति ने ज्ञान के आदान-प्रदान को और समृद्ध किया।
भरत शर्मा (जिला समन्वयक वीकेएसए सह उप निदेशक कृषि), श्रीमती ताशी चोकी भूटिया (उप निदेशक, बागवानी), डॉ निखिल राई (वीओ, एएचएंडवीएस) और सुश्री सोनम छिरिंग (बीओ, मत्स्य विभाग) ने स्थानीय किसानों के साथ व्यापक रूप से बातचीत की। उनकी चर्चाओं में विभागीय योजनाओं और दूरदराज के क्षेत्रों में पात्र लाभार्थियों के लिए उपलब्ध सरकारी सब्सिडी के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल थी। सत्र क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप आयोजित किए गए थे और व्यावहारिक समाधानों पर जोर दिया गया था, जिसमें एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, जलवायु-अनुकूल बागवानी और पशुधन देखभाल से लेकर जलीय कृषि के अवसर शामिल थे।
लाइव प्रदर्शनों, किसानों और विशेषज्ञों के बीच प्रत्यक्ष बातचीत से संदेहों को दूर करने में मदद मिली तथा जमीनी स्तर पर तकनीकी साक्षरता बढ़ी। वीकेएसए कार्यक्रम का एक प्रमुख घटक योजना नामांकन की मौके पर ही सुविधा प्रदान करना था, जिसमें किसानों को पीएम-किसान पंजीकरण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण और पीएमएफबीवाई के माध्यम से बीमा जागरूकता जैसी सेवाओं का लाभ मिला। कार्यक्रम का एक उल्लेखनीय पहलू महिलाओं और ग्रामीण युवाओं की उच्च भागीदारी थी, जो इस क्षेत्र में कृषि नेतृत्व की बदलती गतिशीलता को दर्शाता है।कार्यक्रम के दौरान एकत्रित फीडबैक अत्यधिक सकारात्मक था।
किसानों ने वन-विंडो सेवा मॉडल की सराहना की, जहां वे अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकते थे, तकनीकी चर्चाओं में भाग ले सकते थे और विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते थे। वीकेएसए पहल एक परिवर्तनकारी आंदोलन के रूप में विकसित हो रही है जो संस्थागत विशेषज्ञता को जमीनी स्तर पर संपर्क के साथ मिश्रित करती है। आईसीएआर केवीके पूर्वी सिक्किम और संबंधित विभागों के निरंतर प्रयासों से भारत के किसानों को सूचित, समर्थित और सशक्त बनाने का मिशन धीरे-धीरे एक जमीनी हकीकत बन रहा है।
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