सिक्किम विश्वविद्यालय छात्र संघ ने दर्ज कराई अपनी शिकायत
गंगटोक । सिक्किम विश्वविद्यालय छात्र संघ (SUSA) ने कथित चिकित्सा लापरवाही की घटना के बाद सिक्किम के सिच्छे में न्यू एसटीएनएम अस्पताल के प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। संघ ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण सदस्य व सिक्किम विश्वविद्यालय में विधि विभाग का छात्र रोहन गिरी को भयंकर परिणाम भुगतने पड़े।
एसटीएनएम अस्पताल के निदेशक को संबोधित औपचारिक शिकायत के अनुसार गिरि को 22 अप्रैल की शाम को अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने बेहोशी की स्थिति में उसे अस्पताल पहुंचाया। उसके शरीर के दाहिने हिस्से में कोई हरकत नहीं दिख रही थी। रोहित की गंभीर स्थिति के बावजूद अस्पताल में की गई प्रारंभिक चिकित्सा जांच में कथित तौर पर कोई गंभीर समस्या सामने नहीं आई। छात्र संघ ने यह भी दावा किया कि गिरि के परिवार को अस्पताल में रहने के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उचित निदान प्रक्रियाओं की कमी और अपर्याप्त चिकित्सा देखभाल शामिल थी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में पूरा सीटी स्कैन नहीं किया गया था और केवल आवश्यक स्कैन का एक हिस्सा ही किया गया था। इसके अलावा, जब परिवार ने आगे के इलाज के लिए रेफरल का अनुरोध किया, तो अस्पताल के कर्मचारियों ने कथित तौर पर इनकार कर दिया।
एसयूएसए के अध्यक्ष अनुकूल लिम्बू ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं और उचित देखभाल एसटीएनएम जैसे मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने गिरि को समय पर और उचित चिकित्सा सहायता प्रदान करने में विफल रहने के लिए अस्पताल की आलोचना की। पीड़ित परिवार के एक सदस्य सुमिरन गिरि ने गिरि को दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करने से पहले की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि अस्पताल की ओर से सामान्य स्थिति के प्रारंभिक आश्वासन के बावजूद गिरि की हालत तेजी से बिगड़ती गई। उन्हें सिलीगुड़ी अस्पताल में स्थानांतरित करने के बाद ही पता चला कि उन्हें गंभीर मस्तिष्क आघात और हृदय संबंधी समस्याएं हैं।
इस बीच सिक्किम विश्वविद्यालय छात्र संघ ने भी एसटीएनएम अस्पताल में कथित चिकित्सा लापरवाही की गहन जांच की मांग की है तथा अधिकारियों से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने सिक्किम की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में बेहतर रोगी देखभाल और जवाबदेही की भी मांग की है। दूसरी ओर पीसीसी सह निदेशक (प्रशासन) डॉ. डीबी बिस्सा ने कहा कि हमें ज्ञापन प्राप्त हुआ है और जांच समिति गठित की जाएगी। मामला राज्य मेडिकल बोर्ड को सौंप दिया जाएगा।
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