गंगटोक, 06 अक्टूबर । सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद मची तबाही में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 26 हो गई। सेना और एनडीआरएफ के दल तीस्ता नदी के बेसिन और उत्तर बंगाल के निचले हिस्से में तीसरे दिन भी लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बताया कि बुरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद कर लिए गए हैं जबकि एक को बचा लिया गया तथा 15 लापता जवानों की तलाश जारी है। उत्तर सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बुधवार सुबह बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के बाद 15 जवानों समेत कुल 103 लोग अब भी लापता हैं।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बुलेटिन में कहा कि अभी तक 2411 लोगों को बचाकर राहत शिविरों में ले जाया गया है जबकि 22,000 से ज्यादा लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित चार जिलों में 7,644 लोगों को 26 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बाढ़ से राज्य में 13 पुल बह गए। बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है और 103 लोग लापता हैं। चार जिले पाकिम, गंगटोक, मंगन और नामची प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में मची है और उसके 80 फीसदी हिस्सों पर इसका असर पड़ा है। राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले एनएच-10 को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है।
इस बीच, तीस्ता बैराज के समीप निचले इलाके में सेना के 15 लापता जवानों की तलाश जारी है। बुरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों को कीचड़ से बाहर निकाला गया। तलाश अभियान में श्वान दल और विशेष रडार का प्रयोग किया गया। मुख्य सचिव वीबी पाठक ने बताया कि सेना मौसम में सुधार होने पर उत्तर सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग इलाकों में फंसे करीब 3,000 पर्यटकों को निकालने का अभियान शुरू कर सकती है। जलपाईगुड़ी जिले में टोटगांव से करीब 500 लोगों को बचाया गया है।
No Comments: