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कंप्यूटर एवं संचार प्रौद्योगिकी केंद्र ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से किया समझौता

नामची । जिले में एक कृषि और जल तकनीकी विकास हब साइबर-भौतिक प्रणाली प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ ने बुधवार को स्थानीय चिसोपानी स्थित कंप्यूटर एवं संचार प्रौद्योगिकी केंद्र के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआईटी-आर की प्रौद्योगिकी एवं नवाचार फाउंडेशन की सीईओ डॉ राधिका त्रिखा और चिसोपानी सीसीसीटी के प्रिंसिपल दीपक रसाइली ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

संस्थान की आईपीआर सेल की ओर से बताया गया है कि इस सहयोग का उद्देश्य साइबर-भौतिक प्रणाली और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना, आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना है। यह साझेदारी सीपीएस कौशल बनाने और छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए संयुक्त कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन पर ध्यान केंद्रित करेगी।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, इस सीपीएस लैब की स्थापना हेतु आईआईटी रोपड़ 14 लाख रुपये का निवेश करेगा। प्रस्तावित लैब इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 5जी सेटअप, रोबोटिक्स, एंबेडेड सिस्टम, वायरलेस सेंसर नेटवर्क और थ्रीडी प्रिंटिंग में प्रयोगों के लिए सुसज्जित होगा। उल्लेखनीय है कि यह पहल पूर्वोत्तर भारत में अपनी तरह की पहली सीपीएस लैब है, जो चिसोपानी सीसीसीटी के छात्रों को उन्नत तकनीकों के साथ महत्वपूर्ण व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी। लैब का औपचारिक उद्घाटन इस वर्ष नवंबर के अंतिम सप्ताह में होना तय है, जिसके दौरान आईआईटी-आर के प्रतिनिधि इसके उद्घाटन के लिए सीसीसीटी, चिसोपानी का दौरा करेंगे।

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