पाकिम । शिक्षा, खेल एवं युवा मामले, कानून तथा संसदीय कार्य मंत्री सह नामचेबुंग के विधायक राजू बस्नेत ने बुधवार को सामुदायिक भवन पाकिम में नामचेबुंग निर्वाचन क्षेत्र के पोल्ट्री उत्पादकों, खरीदारों व हितधारकों की बैठक में भाग लिया। इस सम्मेलन ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योग जगत के लोगों को एकजुट करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिसका साझा लक्ष्य पोल्ट्री उद्योग में चुनौतियों से निपटना और अवसरों की खोज करना था।
बैठक के दौरान उत्पादन को बढ़ावा देने, बाजार संबंधों को मजबूत करने तथा पोल्ट्री किसानों और खरीदारों दोनों के सामने आने वाली ज्वलंत समस्याओं के समाधान की रणनीतियों पर चर्चा की गई। मंत्री राजू बस्नेत ने पोल्ट्री उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने में पोल्ट्री फार्मिंग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया तथा नामचेबुंग में पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने और सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य एक सुव्यवस्थित ढांचा स्थापित करना है जो उत्पादकों को बेहतर दक्षता और प्रभावशीलता के साथ काम करने में सक्षम बनाए। उन्होंने इनपुट स्रोतों के इष्टतम उपयोग और एक मजबूत समर्थन प्रणाली बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्पादक बैठक के दौरान साझा किए गए ज्ञान और अंतर्दृष्टि का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा साझा किए गए विविध दृष्टिकोणों को समाहित करके, इस पहल का उद्देश्य स्थानीय पोल्ट्री किसानों को उद्योग परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन और अटूट समर्थन प्रदान करना है।
मंत्री बस्नेत ने उत्पादकों, खरीदारों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि एकता और सहयोग पोल्ट्री क्षेत्र के सफल विस्तार और प्रगति के लिए आधारशिला हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के लाभों पर प्रकाश डाला, जो किसानों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती है। उन्होंने पोल्ट्री उत्पादकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया तथा स्पष्ट किया कि किस प्रकार इसका उपयोग खर्चों को पूरा करने तथा परिचालन दक्षता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। सभी प्रतिभागियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए मंत्री राजू बस्नेत ने अपना संबोधन समाप्त किया तथा प्रमुख हितधारकों से आगे की अंतर्दृष्टि और योगदान का मार्ग प्रशस्त किया।
पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के पोल्ट्री प्रभाग के निदेशक श्री डीपी प्रधान ने पोल्ट्री प्रभाग द्वारा किसानों को दी जाने वाली सहायता का जानकारीपूर्ण अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र घटकों, जैसे उत्पादकों, खरीदारों और चारा आपूर्तिकर्ताओं के बीच सामंजस्यपूर्ण सहयोग की अनिवार्य आवश्यकता पर बल दिया और मुर्गीपालन के समकालीन तरीकों और टिकाऊ दृष्टिकोणों पर गहन विचार-विमर्श किया।
सिक्किम राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (सिमफेड) के महाप्रबंधक श्री कैलाश राय ने विस्तार से बताया कि सिमफेड किस प्रकार मुर्गीपालकों को चारा प्राप्त करने में सुविधा प्रदान कर सकता है, जो मुर्गीपालन का एक अनिवार्य पहलू है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सिमफेड प्रतिस्पर्धी दरों की पेशकश करेगा, जिससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण चारा अधिक सुलभ हो सकेगा और उच्च मानकों को बनाए रखते हुए इनपुट लागत को कम करने में सहायता मिलेगी।
डेनजोंग एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (डीएसीएस) के प्रतिनिधि श्री ताशी शेरपा ने बताया कि डीएसीएस व्यवसाय के आपूर्ति श्रृंखला पहलू में पोल्ट्री उत्पादकों को किस प्रकार सहायता प्रदान कर सकता है। उन्होंने संरचित आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता पर बल दिया और सेना को मांस की आपूर्ति करने की डीएसीएस की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला, जिससे स्थानीय उत्पादकों के लिए सहकारी समर्थन के माध्यम से व्यापक बाजारों तक पहुंच बनाने के संभावित रास्ते सामने आए। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के श्री गोपाल छेत्री ने उपस्थित लोगों को किसानों को लाभ पहुंचाने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जिनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), कुशल युवा स्टार्टअप योजना और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना शामिल हैं। उन्होंने इन कार्यक्रमों के अंतर्गत उपलब्ध प्रोत्साहनों और सब्सिडी के बारे में विस्तार से बताया।
डीआरसीएस सहकारिता विभाग की सुश्री रंजना अधिकारी ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना और संचालन पर प्रकाश डाला तथा उनके लाभ और किसान समर्थन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। सिक्किम होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन (एसएचआरए) की अध्यक्ष सुश्री श्रद्धा शर्मा ने बाजार खरीद और सतत विकास के प्रति एसएचआरए की प्रतिबद्धता पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। उन्होंने सहकारी मंचों के माध्यम से स्थानीय विक्रेताओं के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की, ताकि खरीद को बढ़ाया जा सके और स्थानीय पोल्ट्री उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके, भले ही एसएचराए को व्यक्तिगत पोल्ट्री उत्पादकों के साथ जुड़ने में संभावित बाधाओं का सामना करना पड़ रहा हो।
उन्नति फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिमन्यु ढकाल ने बाजार की गतिशीलता पर गहन दृष्टिकोण साझा किया और व्यावसायिक सलाह दी, जिसमें पोल्ट्री फार्मिंग में मात्रा और गुणवत्ता के बीच महत्वपूर्ण अंतर्सम्बन्ध पर बल दिया गया। सिस्को बैंक के प्रबंधक श्री रमेश छेत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सहित पोल्ट्री उत्पादकों के लिए उपलब्ध बैंकिंग प्रोत्साहनों और वित्तीय सहायता प्रदान करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। बैठक एक खुले विचार-विमर्श के साथ संपन्न हुई, जिसमें पोल्ट्री उत्पादकों और हितधारकों को सीधे संवाद करने और किसी भी प्रश्न या चिंता का समाधान करने का अवसर मिला। कार्यक्रम में एएचएंडवीएस की अतिरिक्त निदेशक डॉ अंजला प्रधान, पोल्ट्री डिवीजन के संयुक्त निदेशक डॉ संजय राई, डीआईसी गंगटोक के उप सचिव जिग्मी वांग्दी, पंचायत सदस्य और किसान भी उपस्थित थे।
#anugamini #sikkim
No Comments: