गंगटोक, 28 अक्टूबर । सिक्किम में बीते दिनों आई आपदा में क्षतिग्रस्त संपत्तियों की स्थायी पुनर्बहाली प्रस्तावों पर चर्चा हेतु आज राज्य के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने स्थानीय ताशीलिंग सचिवालय में विभिन्न संबंधित विभागों के अध्यक्षों और अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
इसमें डीजीपी एके सिंह, शिक्षा विभाग के एसीएस आर तेलंग, राहत आयुक्त सह भू-राजस्व व आपदा प्रबंधन सचिव अनिल राज राई, आईपीआर सचिव कर्मा डी युत्सो, पशुपालन व पशु चिकित्सा सेवा सचिव शरमन राई, अतिरिक्त पीसीसीएफ सह मुख्य वाइल्ड लाइफ वार्डन संदीप तांबे, एसएसडीएमए निदेशक प्रभाकर राई, प्रमुख यूडीडी मुख्य अभियंता शैलेन्द्र शर्मा, गंगटोक डीसी तुषार निखारे और अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में सभी संबंधित विभागों ने मुख्य सचिव को विभिन्न सरकारी संपत्तियों की अनुमानित मरम्मत और स्थानांतरण से अवगत कराया। इस दौरान यूडीडी पीसीई शैलेन्द्र शर्मा ने अपनी प्रस्तुति में मुख्य सचिव को आपदा में सिंगताम, रंगपो, मेल्ली और चुंगथांग में जल निकासी व्यवस्था, फुटपाथ, सड़कों व सामाजिक संपत्तियों को हुए नुकसान के बारे में बताते हुए स्थायी बहाली लागत का प्रस्ताव भी पेश किया। वहीं, पशुपालन व पशु चिकित्सा सेवा सचिव शरमन राई ने प्रभावित क्षेत्रों में विभाग की विभिन्न संपत्तियों को हुए नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए चुंगथांग में राबम हाईलैंड लाइवस्टॉक फॉरेस्ट कॉम्प्लेक्स, मंगन जिले में मिल्क यूनियन प्लांट, पाकिम जिले में मत्स्य पालन परिसर और माझीटार बूचडख़ाने को हुई क्षति पर जोर दिया। ऐसे में उन्होंने इन संपत्तियों की मरम्मत एवं स्थानांतरण हेतु वित्तीय सहायता का अनुरोध किया।
इसके अलावा, वन विभाग के मुख्य संरक्षक (टी) कर्मा लेग्शी ने भी अपने विभागीय संपत्तियों को हुए नुकसान की एक व्यापक रिपोर्ट देते हुए नामप्रिकडांग फॉरेस्ट कॉम्प्लेक्स को हुई क्षति, सिंगताम तथा रंगपो में संकट के दौरान वन अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों, वन संपत्तियों का कंट्रोल रूम और राहत शिविरों के रूप में उपयोग किए जाने के बारे में बताया। उन्होंने भी विभाग की क्षतिग्रस्त संपत्तियों की मरम्मत एवं स्थानांतरण का प्रस्ताव पेश किया।
उपरोक्त तीनों विभागों की प्रस्तुति पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को सिंगताम, रंगपो और मेल्ली में आधुनिक सीवेज सिस्टम स्थापित करने और फुटपाथ की मरम्मत का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने भवन एवं आवास अधिकारियों को संबंधित विभागों की क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत करने का भी निर्देश दिया। वहीं, उन्होंने विस्थापितों के पुनर्वास हेतु उपयुक्त भूमि के निरीक्षण के लिए एलआर-डीएमडी, पुलिस और आरडीडी के सम्मिलित प्रयास के लिए कहा। साथ ही, उन्होंने वन अधिकारियों को चुंगथांग से तीस्ता क्षेत्र तक प्राकृतिक आपदाओं को झेल सकने वाले मजबूत स्थायी चेकपोस्ट स्थापित करने की भी सलाह दी। उन्होंने वन अधिकारियों को नए रेंज कार्यालय और गेस्ट हाउस भी गहन विचार-विमर्श के साथ बनाने को कहा।
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