गंगटोक, 06 अक्टूबर । सिक्किम में आई प्रलयंकारी आपदा के बाद मंगन जिले में खासकर चुंगथांग तक सड़क संपर्क बहाली को लेकर चर्चा हेतु राज्य के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने आज स्थानीय ताशीलिंग सचिवालय के तीस्ता लाउंज में एक बैठक की।
इसमें सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, सेना की 17 माउंटेन डिवीजन के डिप्टी जीओसी के अलावा राज्य गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव सुधाकर राव, राहत आयुक्त अनिलराज राई, सड़क व सेतु सचिव दोर्जी दादुल, आईपीआर सचिव कर्मा डी यूत्सो, राज्य सरकार, बीआरओ और सेना के अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में नागा से चुंगथांग तक वैकल्पिक अस्थायी सड़क के लिए जल्द से जल्द रणनीति तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान बताया गया कि इसके लिए बीआरओ योजना प्रस्तुत कर तुरंत काम शुरू करेगा।
इससे पहले, आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने सड़क संपर्क, राहत व पुनर्वास और बचाव कार्यों की स्थिति पर अपडेट प्रदान करने के लिए मुख्य सचिव से मुलाकात की। इस दौरान, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग गंगटोक के निदेशक ने मंगन जिले के संबंध में अपने पूर्वानुमान में अगले पांच दिनों में जिले के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जतायी। उन्होंने यह भी अनुमान लगाया है कि अगले पांच दिनों तक लाचेन और लाचुंग में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। वहीं, भारतीय वायुसेना से प्राप्त जानकारी के अनुसार, खराब मौसम के कारण एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा बचाव और राहत अभियान चलाने के कई प्रयास आज असफल रहे। निचले इलाकों में बादल छाए रहने के कारण सेना के हेलीकॉप्टर बागडोगरा और चाटन से उड़ान नहीं भर सके। वायुसेना के अनुसार, यदि मौसम ठीक रहा तो हवाई बचाव अभियान कल सुबह फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
इस दौरान बताया गया कि सड़क व सेतु मंत्री सह क्षेत्रीय विधायक सामदुप लेप्चा और पूर्वोत्तर जिले के डीआईजी ताशी वांग्याल भूटिया के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम पेगोंग तक ट्रैकिंग करते हुए जोंगू के रास्ते चुंगथांग पहुंच गई है। यह भी बताया गया कि सिक्किम ऊर्जा लिमिटेड द्वारा भी राहत व बचाव कार्यों के लिए 15 दिनों के लिए एक हेलीकॉप्टर प्रदान किया जाएगा। इसी तरह, सड़क व सेतु विभाग द्वारा भी रंगपो और सिंगताम के प्रभावित इलाकों में मलबा हटाने के लिए जेसीबी तैनात की गई हैं। वहीं, पुनर्वास के लिए प्रभावित क्षेत्रों के सभी राहत शिविरों में कपड़े और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं सहित राहत सामग्री भेजी जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द दूरसंचार सेवाओं को फिर से शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं और फिलहाल वायरलेस संचार चालू है।
इसी बीच, राज्य आपदा राहत कोष के तहत गंगटोक जिले में सेना के लेफ्टिनेंट लाक्पा तमांग की पत्नी उषा लेप्चा और लेफ्टिनेंट दावा लेप्चा की पत्नी गीता राई को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के चेक सौंपे गए है। इसी प्रकार, पाकिम जिलान्तर्गत गोलेटार के मृतक राम कुमार शर्मा के परिवार को 12 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के चेक भी सौंपे गए हैं। इसी तरह, आज की उक्त बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क की बहाली और मंगन जिले के कटे हुए क्षेत्रों को जोड़ने के लिए संभावित वैकल्पिक मार्गों की खोज पर भी विचार-विमर्श किया गया। बताया गया कि अचानक आई बाढ़ से प्रभावित सड़कों की बहाली का कार्य जोरों पर है और कई स्थानों पर इसमें उल्लेखनीय प्रगति देखी जा रही है।
सीएस ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार के विभिन्न अधिकारियों से भी बात कर उन्हें राज्य की वर्तमान स्थिति और संकट में फंसे लोगों को सहायता के बारे में जानकारी दी है। वहीं, मुख्य सचिव सह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के अनुमोदन से आज एक बचाव और राहत दल का भी गठन किया गया है, जो जंगु पर विशेष ध्यान देते हुए मंगन जिले में बचाव और राहत कार्यों की देखरेख करेगा। इस टीम में आरडीडी सचिव छेवांग ग्याछो, संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता रिम्प दोर्जी लेप्चा, विभागीय अभियंता राबदेन काजी और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक सोनम रिनचेन लेप्चा शामिल हैं। बचाव एवं राहत दल में एसडीआरएफ की एक प्लाटून को भी लगाया गया है।
इसके अलावा, भूमि राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग ने भी आम जनता के हित में एक सलाह जारी करते हुए लोगों को तीस्ता बेसिन के किनारे पाए जाने वाले विस्फोटकों या गोला-बारूद को छूने, संभालने या उठाने से परहेज करने को कहा है। विभाग ने जनता से ऐसे उपकरण देखे जाने पर डीसी या राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से 03592-201145/202461/205256 नंबरों पर सूचित करने का आग्रह किया है।
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