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मुख्‍यमंत्री की घोषणाएं भ्रामक : एसडीएफ

एसडीएफ प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्‍य सचिव से मुलाकात

गंगटोक । सिक्किम में सरकारी कर्मचारियों को लेकर मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) द्वारा की गई हालिया घोषणाओं को लेकर आज एसडीएफ पार्टी के प्रवक्ताओं और सदस्यों ने ताशीलिंग सचिवालय में मुख्य सचिव से मुलाकात की। एसडीएफ पार्टी के अनुसार, मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति की जानकारी लेने एवं उन्हें पूरा करने की मांग के साथ ही मुख्य सचिव से मुलाकात की गई है।

एसडीएफ के प्रेस एवं प्रचार मामलों के विभाग द्वारा विज्ञप्ति के अनुसार आज मुख्य सचिव के जवाब और मुख्यमंत्री के बयान में कई असंगतियां पाईं गईं हैं। इसके अलावा एसडीएफ पार्टी को एसकेएम सरकार द्वारा ज्ञापन और नौकरी वितरण की प्रक्रिया में बड़ी खामियां मिलीं, जो सिक्किम में हजारों युवाओं के भविष्य के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इसके साथ ही पार्टी ने राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले कई मांगों को लागू किये जाने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, एसडीएफ की मांगों में नौकरी आदेश देने, वादे के अनुसार 22,000 अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्वयन, महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी और वेतन के लिए बजट आवंटन लिखित रूप में प्रस्तुत करने की मांग शामिल हैं।

एसडीएफ प्रचार विभाग के अनुसार, लाभार्थियों को नौकरी के लिए ज्ञापन की बजाय नियुक्ति आदेश दिया जाना चाहिए। कई को तो बिना फोन कॉल या कॉल लेटर के ही किसी विभाग में तैनाती के ही ज्ञापन और आदेश मिल गए हैं, जो उन्हें सीओसी के समक्ष ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं देता है। वहीं, सरकार ने लगभग 22,000 अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। ऐसे में इसके लिए विभागों से आधिकारिक आदेश जारी किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव से इन मुद्दों पर चर्चा करते हुए एसडीएफ नेताओं ने बताया कि वेतन बजट आवंटन लेखानुदान में रखा गया था और इसमें मुख्यमंत्री ने 1900 करोड़ आवंटित किए जाने की बात कही थी। लेकिन यहां यह स्पष्ट करना जरूरी है कि 1900 करोड़ रुपये में से वेस्ट पॉइंट मॉल जैसी विभिन्न परियोजनाओं के लिए ही 1300 करोड़ रुपये रखे गए थे, जबकि शेष 600 करोड़ विभिन्न योजनाओं के लिए रुपये रखे गये हैं। ऐसे में एसडीएफ पार्टी मुख्यमंत्री के गैरजिम्मेदाराना और भ्रामक बयान की निंदा करती है।

एसडीएफ नेताओं के अनुसार, जब मुख्य सचिव से कार्यादेश वितरण की प्रगति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर जिन लोगों का नाम अंकित है, वही आधिकारिक हैं। जिस किसी का भी नाम वेबसाइट में उल्लिखित नहीं है, वह आधिकारिक नहीं है। वहीं, महंगाई भत्ता, नियमितीकरण एवं पुरानी पेंशन योजना के संबंध में भी कोई संतोषजनक या स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। ऐसे में एसडीएफ पार्टी सभी संभावित नौकरी चाहने वालों के कल्याण और उत्थान हेतु आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, लोगों को गुमराह करने या वंचित करने के किसी भी प्रयास को एसडीएफ पार्टी के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। वर्तमान में पवन चामलिंग के नेतृत्व के 25 वर्षों में देखे गए मजबूत प्रशासन को वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है। ऐसे में एसडीएफ पार्टी आम लोगों को 2024 में सत्ता में आने पर किए गए किसी भी वादे को पूरा करने का आश्वासन देती है।

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