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आपदा पर मुख्‍यमंत्री दे रहे हैं भ्रामक जानकारी : लाकपा शेरपा

गंगटोक, 19 अक्टूबर । हाल ही में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट के कारण सिक्किम में मची तबाही के बाद राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग द्वारा दी गई कथित भ्रामक जानकारी पर सिटीजन एक्शन पार्टी (CAP) सिक्किम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे राज्यवासियों के प्रति उनकी संदिग्ध प्रतिबद्धता का परिचायक बताया है। साथ ही पार्टी ने इस गंभीर मामले पर कार्रवाई करने में मुख्यमंत्री को असमर्थ बताते हुए सरकार से शीघ्र श्वेत पत्र जारी करने के साथ मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की हैं। इसके अलावा, पार्टी ने चुंगथांग बांध टूटने की सीबीआई जांच कर इसके निर्माण के दोषियों को सजा दिए जाने की भी मांग की है।

सीएपी के कार्यकारी अध्यक्ष लाकपा शेरपा एक बयान में कहा कि सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री स्वयं आपदा की जानकारी मिलने के संबंध में अपने बयान बदल रहे हैं जो राज्य एवं राज्यवासियों के प्रति उनकी ईमानदारी के बारे में पर्याप्त संदेह पैदा करताहै। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि उन्हें 3 अक्टूबर की रात करीब 10.40 बजे मंगन में जनता भेंट कार्यक्रम के दौरान पहली बार आपदा की जानकारी मिली थी। इसके बाद बीते सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें 4 अक्टूबर को लगभग 1 बजे नदी के जलस्तर में वृद्धि के बारे में जानकारी मिली थी, जब वह गंगटोक के रास्ते में थे।

शेरपा ने कहा, दरअसल इस तरह के बयान जारी कर मुख्यमंत्री का एकमात्र उद्देश्य अधिकारियों और निचले इलाकों के लोगों तक प्रारंभिक सूचना प्रसार में विफलताओं को छिपाना है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के दो बयान लोगों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु समय पर अधिकारियों को जुटाने में असमर्थता और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कामकाज में एक बड़ा अंतर का एक ज्वलंत उदाहरण है। सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री अब सिक्किम का नेतृत्व करने के लायक नहीं हैं, वह जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के अपने कर्तव्य में विफल रहे हैं, जिससे राज्य को बड़ा आर्थिक एवं मानव जीवन हानि का नुकसान झेलना पड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर अपना पद छोड़ कर अपनी पार्टी के कुछ अन्य सक्षम नेताओं को राज्य का नेतृत्व करने की अनुमति देनी चाहिए।

सीएपी नेता ने आगे कहा मुख्यमंत्री ने अपने पत्रकार सम्मेलन में चुंगथांग एचईपी परियोजना के बारे में जो कुछ भी उल्लेख किया है, वह आसिफ सैयद और सौमिक दत्ता ने 11 मई 2012 को करंट न्यूज डेली में अपने लेख में प्रकाशित किया था। उस समय प्रेम सिंह गोले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक दलबदलू नेता थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपने पूर्ववर्तियों के उसी मार्ग का अनुशरण कर रहे हैं। शेरपा ने कहा, इस गंभीर मामले पर कार्रवाई करने में मुख्यमंत्री को असमर्थ बताते हुए सवाल उठाया कि मई 2019 में सिक्किम के मुख्यमंत्री का पद संभालने और एसकेएम सरकार बनाने के बाद उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने बांध टूटने तक इंतजार क्यों किया? इसके अलावा, यह जानने के बावजूद कि 1200 मेगावाट की चुंगथांग परियोजना में एक बड़ा घोटाला शामिल है, सिक्किम ऊर्जा लिमिटेड ने इसका उद्घाटन दलाई लामा द्वारा उद्घाटन करने का कार्यक्रम क्यों बनाया? इसलिए, मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकार सम्मेलन में केवल भावनात्मक बातें करना ही पर्याप्त नहीं है और वे सिक्किम को तबाह करने वाली इस आपदा में अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते हैं।

सीएपी कार्यकारी अध्यक्ष ने आगे कहा कि इस आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान राज्य के आम नागरिकों को हुआ है और प्रभावित नागरिकों को राहत देने की मुख्यमंत्री की हालिया घोषणा उनके नुकसान के अनुरूप नहीं है। ऐसे में उन्होंने पार्टी की ओर से राज्य सरकार से आपदा पीडि़तों के लिए कई मांगें रखीं। उन्होंने कहा, सिटीजन एक्शन पार्टी-सिक्किम आपदा पीडि़तों के लिए पुनर्वास आवास योजना, बर्तन एवं घरेलू सामान वितरण, बेंघर लोगों के लिए तीन महीनों तक मकान किराए के रूप में 5000 रुपये प्रति माह देना, प्रभावित परिवारों के छात्रों को किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए 10000 रुपये देना, प्रभावित व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 20 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देना, क्षतिग्रस्त मकानों का सरकारी खर्चे पर नवीनीकरण, प्रभावित वाहन चालकों को सडक़ आवागमन पूरी तरह खुलने तक 10000 रुपये मासिक मुआवजा आदि शामिल हैं।
#anugamini #sikkim

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