गंगटोक । विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) ने राज्य के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) पर लगातार झूठ एवं आधारहीन बातें कह कर राज्य वासियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
एसडीएफ की प्रचार महासचिव जूडी राई ने एक विज्ञप्ति में बताया कि कल ही मुख्यमंत्री ने पाकिम जिले के सारामसा में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए एसडीएफ पर कई बेबुनियाद आरोप लगाए। ये आरोप उनकी ओर से लोगों को गुमराह करने का आखिरी प्रयास है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। इसके साथ ही राई ने बीते अक्टूबर में राज्य में आई आपदा के संबंध में उनके बयानों में निरंतरता का अभाव बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब दिल्ली गए तो इसे प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया और जब वहां से वापस आकर इसे मानव निर्मित आपदा बताया। इसके उलट, एसडीएफ पार्टी ने हमेशा जिम्मेदारी पूर्वक सिक्किम वासियों को सही जानकारी दी है।
इसके साथ ही तीस्ता स्टेज-3 बांध, पुरानी पेंशन योजना एवं कई अन्य बिंदुओं पर मुख्यमंत्री गोले के विरोधाभासी बयानों का जिक्र करते हुए एसडीएफ नेता ने कहा कि एसकेएम प्रमुख को जवाब देना मुश्किल है क्योंकि वह हर सप्ताह अपना बयान बदलते हैं। मुख्यमंत्री यह बताने में भी बुरी तरह विफल रहे कि उन्हें आपदा के दिन ल्होनाक झील के फटने की सूचना कब मिली। राज्य के मुखिया की ओर से आने वाले ऐसे बयान बेहद गैर-जिम्मेदाराना हैं और इससे पता चलता है कि आपदा की शुरुआत से ही सीएम गोले का एकमात्र उद्देश्य जनता को गुमराह करना और वास्तविक तथ्यों को छिपाना रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बांध की संरचना कमजोर होने के बारे में भी लोगों से झूठ बोलना जारी रखा है। जबकि एसडीएफ पार्टी ने कई बार कहा है कि बांध के तकनीकी पहलू का राज्य सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। बांध का निर्माण केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग की तकनीकी जानकारी और मंजूरी के अनुसार किया गया था।
वहीं, पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को हुई आपदा के लिए सीएम पीएस गोले और एसकेएम सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार बताते हुए राई ने कहा कि बांध टूटने का मुख्य कारण एसकेएम सरकार द्वारा बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 के दिशानिर्देशों और अन्य वैधानिक दिशानिर्देशों का पालन करने में पूरी तरह से विफलता थी। इसके साथ ही महत्वपूर्ण प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को लागू करने में भी विफलता हुई और आपदा वाली रात बांध पर कोई भी तकनीकी कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसके विपरीत, डिक्चू बांध पर अधिकारी मौजूद थे जिन्होंने बाढ़ के द्वार खोले और बांध को सफलतापूर्वक बचाया।
एसकेएम नेता ने आगे कहा आपदा के तीन महीने बीतने के बावजूद पीड़ित सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिलने से परेशान हैं। यह एसकेएम सरकार की पूरी विफलता है क्योंकि मुख्यमंत्री पीएस गोले केंद्रीय गृह मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें आपदा से संबंधित मुआवजे और पुनर्वास कार्यों को पूरा करने हेतु आवश्यक संसाधन जारी करने के लिए मनाने में विफल रहे हैं।
इसके अलावा, राई ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर एसकेएम सरकार की विफलता पर भी सवाल खड़े किए। वहीं, एसडीएफ की ओर से सीएम गोले के धमकी भरे बयान की कड़ी निंदा करते हुए राई ने कहा कि सीएम द्वारा धमकी दिए जाने का यह पहला मामला नहीं है। 4 फरवरी 2023 को भी उन्होंने हिंसा भड़काने और धमकियां देने वाले ऐसे बयान दिए थे जिसके बाद ही सिक्किम में बेरोकटोक हिंसा का सिलसिला शुरू हो गया।
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