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मुख्यमंत्री गोले ने ही ओएफओजे को लेकर दायर करवाई थी याचिका : जूडी राई

गंगटोक, 17 सितम्बर । एसडीएफ की प्रचार प्रसार महासचिव जूडी राई ने मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) पर निधाना साधते हुए कहा कि 15 सितंबर को मास ज्वाइनिंग कार्यक्रम में अपने एक घंटे 20 मिनट के भाषण में उन्होंने सिक्किम के मुख्य मुद्दों पर कोई बात नहीं की।

श्रीमती राई ने कहा कि उन्होंने पदम गुरुंग की हत्या, सिक्किम की शेष 12 जातियों को आदिवासी का दर्जा देने के मुद्दे, पहचान को लेकर उत्पन्न हुए संकट, लिंबू-तमांग आरक्षण के मुद्दे आदि पर एक शब्द भी नहीं कहा और युवाओं को लालीपॉप देकर फुसलाने की कोशिश की। उन्होंने बिना किसी बजट आवंटन के कई घोषणाएं की हैं जिसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है।

उन्होंने कहा कि अपने भाषण के आधे से अधिक समय बीत जाने के बाद उन्होंने एक परिवार एक नौकरी के मामले को लेकर आधारतीन और तथ्यहीन बयान दिया जिसकी एसडीएफ पार्टी निंदा करती है। श्रीमती राई ने कहा कि एक परिवार, एक नौकरी’ योजना के पीछे एसडीएफ सरकार का उद्देश्य यह है कि गरीबों के बच्चे, जो अच्छे स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हैं वे भी सरकार से अपनी योग्यता के अनुरूप नौकरी पा सकें। सिक्किम में ऐसे करीब 40 हजार परिवार हैं। यह गरीब लोगों के पक्ष में एक सार्वजनिक कल्याण और मानवीय योजना है।

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को समझते हुए, एसडीएफ सरकार ने 12 जनवरी, 2019 को एक नौकरी मेले का आयोजन किया और 20,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। उस समय एसकेएम पार्टी ने 89 दिनों तक यह ढोल पीटकर लोगों को गुमराह करने की भरपूर कोशिश की कि यह योजना अस्थायी है, अवैध है, बिना बजट के है, सिर्फ वोट बैंक के लिए है। जब वह झूठ नहीं बिका तो उन्होंने फिर से घोषणापत्र में घोषणा की कि सरकार में आने के 100 दिन के अंदर हम ‘एक परिवार, एक नौकरी’ के तहत काम करने वाले सभी कर्मचारियों को स्थायी कर देंगे।

उन्होंने कहा कि एसकेएम सरकार का गठन 27 मई, 2019 को हुआ था, सरकार बनने के चार दिन से भी कम समय बाद, 31 मई को इस सरकार ने एक परिपत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि ”एक परिवार एक नौकरी” के तहत नियुक्ति नहीं हुई है। पिछले चुनाव की आदर्श आचार संहिता के तहत नियुक्ति खारिज करवाने की कोशिश की। सरकार बनने के चार दिन के भीतर ही एसकेएम ने अपने घोषणापत्र के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया। एसडीएफ समर्थकों ने उक्त सर्कुलर के खिलाफ 7 जून को धरना देकर सरकार पर दबाव डाला और कहा कि ”एक परिवार, एक नौकरी” की रक्षा की जानी चाहिए। उन्हें याद है कि ओएफओजे के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को चार साल के दौरान दस्तावेज सत्यापन के नाम पर कितनी बार धोखा दिया गया है। उन्होंने इन नियुक्तियों को खारिज करवाने के लिए अदालत में याचिका भी दाखिल करवा दी।

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