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मुख्‍यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी सीएपी : डीबी चौहान

गंगटोक । पिछले 4 अक्‍टूबर को तिस्‍ता त्रासदी मानव सृजित त्रासदी थी और इससे हुए नुकसान को कम किए जाने की संभावना होते हुए भी सिक्किम राज्‍य आपदा प्राधिकरण पर किसी प्रकार की पहल नहीं करने का आरोप लगाते हुए सिटिजन एक्‍शन पार्टी सिक्किम ने आपदा प्राधिकरण अध्‍यक्ष तथा मुख्‍यमंत्री पीएस तमांग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी।

इसे लेकर सीएपी कल गंगटोक के सदर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराएगी। यह जानकारी पार्टी संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष डीबी चौहान ने आज आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्‍होंने बताया कि तीस्ता त्रासदी के बाद, सीएपी ने एक तथ्य अन्‍वेषण समिति का गठन किया और त्रासदी का अध्ययन किया और पाया कि आपदा शमन में सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से कोई पहल नहीं की गई थी और पार्टी का मानना है कि यह त्रासदी प्राधिकरण की पहल की कमी के कारण हुई और इतना अधिक नुकसान हुआ।

हालांकि यह एफआईआर सिक्किम राज्य आपदा प्राधिकरण के अध्यक्ष के खिलाफ है, लेकिन पार्टी ने मांग की है कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि तीस्ता त्रासदी के लिए पूर्व और वर्तमान दोनों सरकारें समान रूप से जिम्मेदार हैं। सिटीजन एक्शन पार्टी ने सरकार पर तीस्ता त्रासदी के बाद राहत एवं सहायता कार्य में घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। सीएपी के कार्यकारी अध्यक्ष डीबी चौहान ने राज्य सरकार और प्रशासन पर त्रासदी से प्रभावित लोगों को राहत और सहायता न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभावित लोगों को अभी तक वास्तविक मदद नहीं मिली है।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीस्सा त्रासदी में सिक्किम के कई लोग अभी भी लापता हैं। सिक्किम सरकार अभी तक उन परिवारों की समस्या का समाधान नहीं कर पाई है जिनके सदस्य विस्थापित हो गए हैं। ऐसे पीड़ित परिवारों की मदद और समाधान के लिए न तो राज्य प्रशासन और न ही सरकार ने कोई पहल की है। सरकार आपदा में फंसे लोगों की मदद के नाम पर नौटंकी कर फिर से मनोरंजन और मौज-मस्ती में व्यस्त हो गई है। आपदा के समय सरकार लोगों के साथ खड़ी नहीं हो पाई है। डीबी चौहान ने आरोप लगाया कि सिक्किम सरकार ने आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति कोई भी सरकारी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पीड़ितों को सिर्फ तीन-तीन हजार रुपये का चेक देकर उनका मजाक उड़ाया है।

दूसरी ओर, चौहान ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में लोगों के लगातार सहयोग के बावजूद मुख्यमंत्री ने इस कोष को आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए खर्च नहीं किया, बल्कि जो पैसा पीड़ितों को दिया जाना चाहिए वह नहीं दिया गया। इसका पैस मुख्यमंत्री द्वारा अपने चहेते लोगों को दे दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राहत कोष शायद 2024 के चुनाव के लिए रखा गया है।

सीएपी के कार्यकारी अध्यक्ष डीबी चौहान ने मांग की कि सरकार को आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए गंभीर होना चाहिए और तीस्ता त्रासदी और तीस्ता ऊर्जा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय सरकार को जल्द ही इसकी सीबीआई जांच करानी चाहिए। उन्होंने कुछ दिन पहले नामची में अस्थायी शिक्षकों के स्थायीकरण को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा की भी निंदा की। उन्होंने मुख्यमंत्री पर 11 नवंबर 2024 को सभी शिक्षकों को स्थायी कर सेवारत अस्थायी शिक्षकों के साथ भावनात्मक खेल खेलने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और कैबिनेट को चुनौती दी कि अगर उनका बस चले तो 31 दिसंबर 2023 से पहले सभी शिक्षकों को स्थायी कर दें। चौहान ने कहा कि ओएफओजे कर्मचारियों को भी सरकार द्वारा इसी वर्ष पुरानी पेंशन योजना के तहत स्थायी किया जाना चाहिए।

डीबी चौहान ने सरकार पर मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों को पिछले चार महीने से भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि सभी भुगतान जल्द किए जाएं। उन्‍होंने डंपी रोग से प्रभावित किसानों को सरकार द्वारा घोषित मुआवजा जल्द देने का भी आग्रह किया।

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