गंगटोक । केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों देश में लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर खींचतान जारी है। इससे हिमालयी राज्य सिक्किम भी अछूता नहीं है।
विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) जहां इसे राज्य वासियों के हित के खिलाफ बता रही है, वहीं BJP इसे किसी की नागरिकता नहीं छीनने वाला बता रही है। इसी कड़ी में सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता तथा हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पासांग शेरपा ने आज सिक्किम में सीएए के कार्यान्वयन के संबंध में विपक्षी दल द्वारा किए गए दावों का खंडन किया है। शेरपा ने इस बात पर जोर दिया कि विपक्ष के बयानों के उलट राज्य में अभी तक सीएए लागू नहीं किया गया है।
एसडीएफ के यह दावे कि राज्य सरकार ने सीएए का कार्यान्वयन रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है, का जवाब देते हुए शेरपा ने कहा कि राज्य विधानसभा ने अभी तक सीएए के कार्यान्वयन पर सहमति के लिए कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया है। उन्होंने कहा, विपक्षी दल यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहा है कि सीएए को सिक्किम राज्य में लागू कर दिया गया है, लेकिन तथ्य यह है कि जब तक राज्य विधानसभा इस पर सहमति जताते हुए प्रस्ताव पारित नहीं करती, तब तक इसे लागू नहीं किया जाएगा। एसडीएफ को अवश्य यह बताना चाहिए कि उनके द्वारा किस प्रकार यह कहा गया है कि सिक्किम में सीएए लागू हो गया है और राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया है।
इससे पहले, पासंग शेरपा ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बारे में भी बताया कि अनुच्छेद 371एफ द्वारा संरक्षित सिक्किम में #CAA का कार्यान्वयन नहीं होगा। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बावजूद सीएए को लागू करने या अस्वीकार करने का निर्णय अब राज्य विधानसभा पर निर्भर है।
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