गंगटोक : कड़ी सर्दी के बीच पूर्वी सिक्किम में लगातार हो रही बर्फबारी ने कनेक्टिविटी और दैनिक जीवन के लिए कठिन चुनौती खड़ी कर दी है। पिछले सप्ताह से यह क्षेत्र भारी बर्फबारी के कारण बर्फ से ढका हुआ है, जिससे प्रसिद्ध नाथुला दर्रा (14,140 फीट), प्रतिष्ठित बाबा हरभजन मंदिर और सर्पीले जुलुक मोड़ जैसे महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुंच बाधित हो गई है।
नागरिकों और सशस्त्र बलों दोनों के लिए यह जीवन रेखा है। फिर भी, प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अडिग प्रतिबद्धता के साथ इस अवसर पर अपनी भूमिका निभाई है। तापमान -20 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने तथा सड़कें बर्फ की मोटी परतों से दब जाने के कारण बीआरओ के कर्मचारी संपर्क बहाल करने तथा उसे बनाए रखने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। बर्फ हटाने के विशेष उपकरणों और दृढ़ निश्चय से लैस ये बहादुर कर्मचारी विषम परिस्थितियों से जूझ रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आवश्यक आपूर्ति, आपातकालीन सेवाओं और सुरक्षा बलों की आवाजाही निर्बाध बनी रहे।
रक्षा अभियानों और व्यापार दोनों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग नाथुला सीमा उनके प्रयासों का मुख्य केंद्र बनी हुई है। पवित्र बाबा मंदिर, जो एक तीर्थ स्थल है तथा सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करता है, उनके अथक परिश्रम के कारण ही लोगों के लिए सुलभ हो पाया है। ज़ुलुक मोड़, जो अपने तीखे मोड़ और तीव्र ढाल के लिए कुख्यात है, एक अतिरिक्त चुनौती पेश करते हैं, लेकिन खतरनाक इलाकों से निपटने में बीआरओ की विशेषज्ञता अमूल्य साबित हुई है।
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