गंगटोक । 3-4 अक्टूबर 2023 की मध्य रात्रि को तीस्ता में सैलाब के कारण उत्तरी सिक्किम में सड़क और पुल की बड़े पैमाने पर क्षति हुई थी। तबाही ऐसी मची थी कि सड़क संपर्क की बहाली का काम लगभग असंभव लग रहा था। लेकिन सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बहादुर कर्मियों ने प्रकृति द्वारा दी गई चुनौतियों को स्वीकार किया। पहले दिन से ही बीआरओ की परियोजना स्वस्तिक भारी और अत्याधुनिक मशीनों के साथ सड़क संपर्क की बहाली के प्रयासों में जुट गई।
शुरुआती दिनों में बीआरओ के कर्मियों ने दिन-रात अथक परिश्रम किया और तीस्ता नदी पर दो बेली पुलों का निर्माण करके जोंगू क्षेत्र में सफलतापूर्वक संपर्क बहाल किया। इसी प्रकार सेना के साथ समन्वय बनाकर अनेक बेली ब्रिज का निर्माण करके 18400 फीट की ऊंचाई पर स्थित डोंक्याला दर्रे के माध्यम से नार्थ सिक्किम की ओर से चुंगथांग और आगे लाचेन तक संपर्क बहाल किया गया। नॉर्थ सिक्किम में बुनियादी सम्पर्क बहाल करने के बाद बीआरओ को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहला, उत्तरी सिक्किम, विशेषकर लाचेन घाटी में तैनात सशस्त्र बलों के लिए आपूर्ति लाइनों को सर्दियों के दौरान खुला रखना तथा दूसरा, जल्द से जल्द रंगमा रेंज के माध्यम से लाचेन तक संपर्क बहाल करने के लिए काम में तेजी लाना। दोहरे मोर्चों पर लड़ते हुए परियोजना और टास्क फोर्स स्तर पर बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने योजना और संसाधन प्रबंधन में अपने उच्च क्षमता का प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही आरसीसी और प्लाटून स्तर के अन्य अधिकारियों और बहादुर श्रमिकों ने रविवार और छुट्टियों के दिन भी दोहरी शिफ्टों में ओवरटाइम काम किया। बीआरओ कार्मिकों के अथक समर्पण ने कठोर सर्दियों के दौरान भी डोंकयाला दर्रे के माध्यम से लाचेन घाटी तक आपूर्ति लाइनों का रखरखाव सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही पत्थर काटने और विस्फोट के लिए पर्याप्त संसाधनों की तैनाती की गई, जिससे केवल छह महीने में ही रंगमा रेंज के माध्यम से लाचेन तक हल्के वाहनों की कनेक्टिविटी बहाल हो सकी। भारी बारिश के बावजूद बीआरओ संपर्क और संरचना की चौड़ाई को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। बीआरओ की त्वरित और कुशल प्रतिक्रिया ने एक बार फिर उत्तरी सिक्किम में महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने में लचीलापन और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
हालांकि, उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश के कारण चुंगथांग से लाचेन तक सड़क पर कई जगहों में भूस्खलन हो रहा है। विशेषकर मुन्सिथांग और रबामचू के बीच भूस्खलन हो रहा है। भारी बारिश और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बीआरओ ने अत्याधुनिक मशीनरी जुटाई है और भूस्खलन के मलबे को साफ करके सड़क यातायात को सुचारू रखने के लिए ओवर टाइम काम हो रहा है। पूरी टीम की मेहनत प्रोजेक्ट स्वास्तिक सीमा सड़क संगठन के मोटो के प्रति सत्य साबित हुआ कि पहाड़ों की खामोशी में : काम बोलता है। सीमा सड़क संगठन के बहादुर कर्मियों की निस्वार्थ प्रतिबद्धता को सभी ओर से सराहना मिली है तथा इससे सेना सहित सभी लोगों में उत्तरी सिक्किम में शीघ्र संपर्क बहाल होने की उम्मीद जगी है। ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बीआरओ के वीरतापूर्ण प्रयास अन्य एजेंसियों के लिए अनुकरणीय उदाहरण हैं।
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