गंगटोक । प्राकृतिक आपदाओं के कारण बाधित हुए उत्तर सिक्किम में बीआरओ ने अपने अथक प्रयासों से यातायात बहाल कर दिया है। इसके तहत, लाचेन वैली के साथ चीन सीमा तक वाहनों का परिचालन शुरू हुआ है।
जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष 4 अक्टूबर को उत्तर सिक्किम में साउथ ल्होनक झील फटने से आई अभूतपूर्व संकट में तीस्ता नदी की बाढ़ ने एक विस्तृत इलाके में अपने किनारे पर जान-माल को व्यापक नुकसान पहुंचाया था। प्रकृति के इस प्रचंड रूप ने लाचेन वैली की छह महत्वपूर्ण पुलों समेत कुल सोलह पुलों और लगभग करीब 20-25 किलोमीटर सडक़ नेटवर्क को बहा दिया। इसके कारण घाटी के साथ चीन सीमा तक की संचार की सभी लाइनें कट गईं।
इस महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने के लिए बीआरओ के कर्मियों ने सभी बाधाओं और प्रतिकूल जलवायु के बावजूद डट कर काम किया और प्रारंभिक रूप से सेना के साथ समन्वय में सांकलांग, चुंगथांग और जीमा में तीस्ता नदी पर कई बेली पुलों का निर्माण किया। इसके बाद, बीआरओ ने कठोर चट्टान को काटते हुए लगभग पांच किलोमीटर तक किये गये सडक़ कार्य के माध्यम से इस वर्ष 8 अप्रैल को उत्तर सिक्किम तक सफलतापूर्वक वाहन संपर्क बहाल कर दिया।
लेकिन, इसी वर्ष 29 मई को आए रेमल चक्रवाती तूफान के कारण उत्तर सिक्किम के ऊंचे इलाकों में हुई भारी वर्षा के कारण लाचेन चू में अचानक बाढ़ आ गई। इसमें भारी पत्थरों के लुढक़ने और लाचेन चू के तेज बहाव के कारण जीमा में हाल ही में निर्मित बेली ब्रिज बह गया और निर्माणाधीन बेली सस्पेंशन ब्रिज को भी भारी नुकसान पहुंचा। जीमा बेली ब्रिज के बह जाने से एक बार फिर लाचेन घाटी के साथ चीन सीमा तक संचार लाइनें टूट गईं।
ऐसे में, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीआरओ की स्वास्तिक परियोजना के तहत जुझारू कर्मियों ने कार्रवाई करते हुए जीमा में फिर एक नए बेली ब्रिज के निर्माण का चुनौतीपूर्ण कार्य किया है। 24 अगस्त से शुरू हुआ यह निर्माण कार्य महीने भर में पूरा किया गया। बहरहाल, इस महत्वपूर्ण कार्य से उत्तर सिक्किम में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल गुरुडोंगमार झील तक वाहन संपर्क सुनिश्चित होगा। यह मार्ग पिछले साल अक्टूबर से कटा हुआ था।
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