गंगटोक । 12 जून से लगातार हो रही बारिश ने उत्तरी सिक्किम में तबाही मचा दी है। अभूतपूर्व भारी बारिश के कारण उत्तरी सिक्किम की ओर जाने वाली विभिन्न सड़कें जैसे डिक्चू-संकलांग-टूंग, मंगन-संकलांग, सिंगथम-रंगरंग, रंगरंग-टूंग में कई बार भारी भूस्खलन होने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसके कारण उत्तरी सिक्किम से संपर्क टूट गया है।
संकलांग में नवनिर्मित सस्पेंशन पुल के ढहने के बाद स्थिति गंभीर हो गई, क्योंकि उत्तरी सिक्किम और जंगू क्षेत्र का सम्पूर्ण संपर्क इसी पुल से होकर गुजरता था। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बहादुर कर्मियों ने प्रकृति द्वारा दी गई चुनौतियों को स्वीकार किया। पहले दिन से ही सीमा सड़क संगठन की परियोजना स्वस्तिक ने प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में भूस्खलन से निपटने के कार्य के लिए भारी जनशक्ति और मशीनरी जुटाकर पुनर्स्थापना कार्य शुरू कर दिया।
भारी बारिश और खराब मौसम के बावजूद बीआरओ ने मंगांग-चुंगथांग सड़क पर राफंगखोला और लंथाखोला में सफलतापूर्वक संपर्क बहाल कर दिया। यह सड़क नागा तक भारी वाहनों के लिए यातायात योग्य हो गयी। नागा और चुंगथांग के बीच संपर्क बहाल करने के प्रयास युद्ध स्तर पर चल रहे हैं, ताकि इस मुख्य धुरी के माध्यम से उत्तरी सिक्किम तक संपर्क बहाल किया जा सके। इसके साथ ही बीआरओ वैकल्पिक मार्ग यानी डिकचू-संकलंग-टूंग के माध्यम से उत्तरी सिक्किम और जंगू क्षेत्र तक संपर्क बहाल करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
इस वैकल्पिक मार्ग पर सबसे बड़ी चुनौती डेट खोला पुल पर एक बड़ी दरार थी। इस बाधा को दूर करने के लिए बीआरओ ने बड़े पैमाने पर पुल का निर्माण किया और बाद में सेना के साथ समन्वय करके 70 फीट ऊंचा बेली पुल बनाया। इस नवीन दृष्टिकोण से भारी मशीनरी और निर्माण भंडार को आगे बढ़ाने में मदद मिली। सीमा सड़क संगठन की त्वरित और कुशल प्रतिक्रिया ने एक बार फिर उत्तरी सिक्किम में महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने में लचीलापन और दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया। सीमा सड़क संगठन के बहादुर कर्मियों की निस्वार्थ प्रतिबद्धता को हर तरफ से सराहना मिली है और इससे उत्तरी सिक्किम में संपर्क की शीघ्र बहाली के प्रति सभी के बीच उम्मीद जगी है।
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