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अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के लिए जाना जाता है बिहार : दिल्‍ले नामग्याल बार्फुंग्पा

बिहार की भूमि ज्ञान, वीरता और संस्कारों की जननी रही है : गंगा प्रसाद

गंगटोक : पहली बार 22 मार्च को सिक्किम में बिहार दिवस का आयोजन ठाकुरबाड़ी मंदिर में परंपरागत तरीके से बिहार फाउंडेशन द्वारा किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर गंगटोक विधायक दिल्‍ले नामग्याल बार्फुंग्पा (Delay Namgyal Barfungpa), सिम्फेड चेयरमैन तेनजिंग दोरजी भूटिया, विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, आईएएस संदीप कुमार, पार्षद पिंकू प्रसाद, पार्षद सुनील प्रसाद, सिक्किम प्रदेश के बिहार फाउंडेशन के अध्यक्ष अनील कुमार गुप्ता एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक दिल्‍ले नामग्याल बार्फुंग्पा ने कहा, बिहार अपनी समृद्ध संस्कृति, बौद्ध स्थलों और विशिष्ट परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। बिहार अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी एक विशेष स्थान रखता है। विधायक बार्फुंग्पा ने बिहार के स्थापना दिवस के अवसर पर सिक्किम में बसे बिहारी समुदाय को शुभकामनाएं दीं। ज्ञात हो कि बिहार का स्थापना दिवस हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर एक स्वतंत्र प्रांत बनने पर मनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि बिहारी नागरिकों में साहस, शोर्य और वीरता के साथ संघर्षों से जूझने की अदम्य शक्ति होती है। वे अपनी कार्यकुशलता और कर्मठता के लिए जाने जाते हैं। बिहार का स्थापना दिवस हम सबके लिए गौरव की बात है बिहार तो वह राज्य है जहां तक्षशिला, नालंदा जैसे बड़े-बड़े गुरुकुल हजारों सालों पहले से चलते आए हैं। आज भी बिहार के विद्यार्थियों की प्रतिभा क्षमता अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी रहती है। तमाम कष्टों के बावजूद भी बिहार के सर्वाधिक आईएएस, आईपीएस मिलेंगे। बिहार के लोग असंभव को संभव बनाने की क्षमता रखते हैं।

विषिष्ट अतिथि पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति से संपन्न बिहार के स्थापना दिवस की समस्त बिहारवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। बिहार की भूमि ज्ञान, वीरता और संस्कारों की जननी रही है, जिसने देश को महान चिंतक, योद्धा और नेता दिए हैं। यह प्रदेश सतत प्रगति और समृद्धि के नए आयाम छूता रहे, यही कामना है।

उन्होंने कहा, मेरा विश्वास है कि बिहार के निवासी अपनी प्रतिभा, दृढ़ संकल्प तथा परिश्रम के बल पर विकसित सिक्किम और विकसित भारत के निर्माण में अपना भरपूर योगदान देते रहेंगे। उन्होंन कहा, इतिहास गवाह है कि बिहार ने न केवल सदैव राष्ट्र को नई दिशा व दृष्टि प्रदान की है बल्कि अपनी प्रतिभा और परिश्रम के बदौलत भारत के निर्माण में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। आज का बिहार तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। आईये इस अवसर पर हम सभी बिहार के चतुर्दिक विकास के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु दृढ़ संकल्पित हों। उन्होंने कहा, आज बिहार में उद्योगों के लिए बिहार सरकार ने बहुत सारी योजना बनाई है।

पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद ने अपने संबोधन में बिहार को औद्योगिक केंद्र बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, बिहार का स्वर्णिम इतिहास सिर्फ राजनीति से नहीं, बल्कि उसके फलते-फूलते आर्थिक विकास से भी परिभाषित होता है। फलते-फूलते खाद्य प्रसंस्करण से लेकर फिल्म सिटी के विकास तक, बिहार विकास और रोजगार के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा कर रहा है। भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बनाने के प्रयासों के साथ-साथ ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के प्रति बिहार सरकार की प्रतिबद्धता, समृद्ध भविष्य की नींव रख रही है।

अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि ज्ञान, प्रतिभा, ऐतिहासिक गौरव, विद्वता, साधना, अहिंसा, संस्कृति, शौर्य, पराक्रम, प्रेम की पुण्यधरा और लोकतंत्र की जननी- बिहार के स्थापना दिवस पर समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएं। उन्होंने कहा, इतिहास गवाह है कि बिहार ने न केवल सदैव राष्ट्र को नई दिशा व दृष्टि प्रदान की है बल्कि अपनी प्रतिभा और परिश्रम के बदौलत भारत के निर्माण में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बिहार सरकार के औद्योगिकी नीति के साथ-साथ पर्यटक स्थलों के बारे में भी जानकारियां दी। कार्यक्रम के दौरान बिहार की संस्कृति को भी दर्शाया गया। कार्यक्रम का संचालन रूपा भगत ने किया।

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