गंगटोक । सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश चंद्र नेपाल ने सांसद चुने जाने पर राज्य की लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों के समाधान एवं संसद में अपनी बात उठाने में संघ और संसदीय क्षेत्रों के भीतर अपने व्यापक नेटवर्क का उपयोग करने का वादा किया है।
आज यहां मीडिया से बातचीत में संघ के साथ 26 वर्षों तक जुड़ाव रखने वाले एक अनुभवी राजनेता नेपाल ने संसदीय प्रक्रियाओं के प्रभावी संचालन में व्यक्तिगत संबंधों और प्रक्रियात्मक ज्ञान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि संसद के लगभग 60 प्रतिशत सदस्यों का संघ से संबंध है और इसका लाभ वह राज्य के हितों की वकालत में उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, संघ के भीतर संबंधों को विकसित करने और संसदीय प्रक्रियाओं की गहरी समझ रखने के कारण मैं सिक्किम के मुद्दों की पैरवी करने के लिए मैं सर्वाधिक उपुयक्त हूं।
वहीं, अनुच्छेद 371F की अनसुलझी स्थिति और सिक्किम में हाशिए पर रहने वाले समुदायों की दुर्दशा जैसी लंबे समय से चली आ रहे मुद्दों के बारे में नेपाल ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी रणनीति की रूपरेखा भी बतायी। उन्होंने कहा, हम केवल संसद में आडंबरपूर्ण बयानबाजी पर निर्भर नहीं रह सकते, बल्कि इसके लिए व्यावहारिक कार्रवाई और व्यक्तिगत जुड़ाव आवश्यक है।
इसके अतिरिक्त राज्य के छूटे हुए समुदायों के मुद्दे को संबोधित करते हुए नेपाल ने उनकी चिंताओं को दूर करने और उनके लिए आरक्षण सुरक्षित करने की दिशा में काम करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने 36 वर्षों तक सचिव के रूप में कार्य करने के दौरान प्रशासनिक जटिलताओं से परिचित होने के बारे में बात करते हुए कहा कि यह अनुभव सरकारी प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से संचालित करने में सहायक होगा।
इसके अलावा, नेपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित शीर्ष भाजपा नेतृत्व के साथ उनके सीधे संवाद को सिक्किम के मुद्दे के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के सबूत के रूप में उजागर किया।
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