नामची : पीसी-पीएनडीटी कानून के साथ ही महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता हेतु जिला महिला व बाल कल्याण विभाग द्वारा आज सिक्किप बीएसी में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के 10वें शुभारंभ कार्यक्रम पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में लामाटन जीपीयू के जिला पंचायत सोनम ग्यालछेन शेरपा मुख्य अतिथि और सांगानाथ जीपीयू की जिला पंचायत श्रीमती इंद्र माया राई सम्मानीय अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उसके साथ कार्यक्रम में लामाटन, सांगानाथ और वोक-ओमचू जीपीयू के पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्य, सिक्किप बीएसी के बीडीओ बसंत मोक्तान, अतिरिञ्चत पोषण निदेशक सह अभियान की नोडल अधिकारी सोफिया लेप्चा, डीईओ रेखा सुब्बा, सीएनओ बिजय लक्ष्मी राई, ओएससी केंद्र प्रशासक संगीता गुरुंग, डीसीपी यूनिट की प्रोबेशन अधिकारी स्मृति राई एवं अन्य भी शामिल हुए।
इसके अलावा, कार्यक्रम में पीएमएमवीवाई डीईओ श्रीमती ल्हासांग तमांग, आंगनवाड़ी, एसएचजी सदस्य तथा एसबीआई एवं बीएसी के कर्मियों ने भी शिरकत की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सोनम ग्यालछेन शेरपा ने वर्तमान में महिलाओं के पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का उल्लेख करते हुए सभी से कार्यक्रम में साझा किए गए ज्ञान को आगे बढ़ाने और बाल लिंगानुपात के बारे में लोगों को जागरूक करने का आग्रह किया। वहीं, पोषण एडी सोफिया लेप्चा 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किये गये बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का जिक्र करते हुए बताया कि बाल लिंगानुपात में गिरावट के कारण ही इसे लांच किया गया है। उनके साथ, डीईओ रेखा सुब्बा ने सिक्किम बीएसी के तहत छात्रों के नामांकन की जानकारी साझा करते हुए बताया कि छात्रों की कुल नामांकन संख्या 297 और छात्राओं की 279 थी जो कम है लेकिन संख्या बढ़ रही है। उन्होंने लोगों को ड्रॉप-आउट और वयस्क शिक्षा पर केंद्रित न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के बारे में भी बताया।
इसके अलावा, सीएनओ बिजय लक्ष्मी राई ने बाल लिंगानुपात में गिरावट के कारण लाये गये प्री-कॉन्सेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक (पीसी-पीएनडीटी एक्ट) के बारे में बात की। उन्होंने आगे बताया कि यह कानून सीधे अल्ट्रासाउंड से जुड़ा हुआ है जिसके जरिए कई बीमारियों का पता भी लगाया जा सकता है इसी तरह गर्भवती महिलाएं बच्चे के स्वास्थ्य की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड कराती हैं, लेकिन ऐसा कहकर अल्ट्रासाउंड करने वाला व्यक्ति या डॉक्टर बच्चे के लिंग का खुलासा नहीं कर सकता है और गर्भवती महिलाएं डॉक्टर के पर्चे के बिना अल्ट्रासाउंड भी नहीं करा सकती हैं। अवैध अल्ट्रासाउंड कराने वाले मरीजों को कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है।
कार्यक्रम में प्रधान मुख्य कार्यकारी अधिकारी ल्हासांग तमांग ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि कोई भी महिला पंजीकरण कराकर अपने नजदीकी आईसीडी केंद्र से लाभ उठा सकती है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड और कोई अन्य सहायक दस्तावेज शामिल है। इसमें गर्भवती महिलाओं को पहले बच्चे के लिए 5000 और दूसरा बच्चा यदि लडक़ी है तो महिलाओं को 6000 रुपये का अनुदान मिलता है। उन्होंने सभी से इसका लाभ उठाने का आग्रह किया।
वहीं, केंद्र प्रशासक संगीता गुरुंग ने भी ओएससी के अस्तित्व में आने के बारे में बताते हुए कहा कि यह सेंटर महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा के खिलाफ काम करता है। उन्होंने यह भी बताया कि ओएससी जरूरतमंद महिलाओं को अल्प आश्रय प्रदान करता है और महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है। इस सेवा के लिए महिलाएं हर समय काम करने वाले टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर सकती हैं। उनके साथ, डीसीपी यूनिट की प्रोबेशन अधिकारी स्मृति राई ने उपस्थित लोगों को पोक्सो एक्ट के बारे में जागरूक किया।
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