गेजिंग : अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में जिला सहकारिता विभाग द्वारा आज स्थानीय संचामन लिंबू गवर्नमेंट कॉलेज में “सहकारिताएं एक बेहतर दुनिया का निर्माण करती हैं” विषय पर एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। गौरतलब है कि यह सहकारिता विभाग द्वारा राज्य में दूसरा जागरूकता कार्यक्रम था। इससे पहले, 23 अगस्त को नामची गवर्नमेंट कॉलेज में पहला कार्यक्रम शुरू हुआ है।
आज के कार्यक्रम में संचामन लिंबू गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ भक्त कुंवर मुख्य अतिथि थे। उनके अलावा, इसमें संयुक्त सहकारिता रजिस्ट्रार लादेन जेनसापा, सहायक रजिस्ट्रार सह रिसोर्स पर्सन छेवांग नोरबू भूटिया एवं अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम ने सहकारिता के महत्व के बारे में प्रभावी ढंग से जागरूकता फैलाई और छात्रों को उद्यमिता, रोजग़ार और समावेशी सामुदायिक विकास के माध्यम के रूप में इस क्षेत्र में अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ भक्त कुंवर ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मज़बूत करने, स्थानीय रोजग़ार और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने में सहकारी आंदोलन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को सामुदायिक विकास के एक स्थायी मॉडल के रूप में सहकारी समितियों के गठन और समर्थन में सक्रिय रुचि लेने के लिए प्रेरित किया।
डॉ कुंवर ने अपने छात्र जीवन के पुराने अनुभवों को भी याद करते हुए बताया कि सहकारिताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली उचित रूप से कम कीमत वाली छात्र-केंद्रित आवश्यक अध्ययन सामग्री उस समय उनके और उनके मित्र के लिए बहुत बड़ी राहत थी। उन्होंने छात्रों को अमूल्य जानकारी और अपेक्षित सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के लिए जिला सहकारिता विभाग की सराहना की।
वहीं, संयुक्त सहकारिता रजिस्ट्रार लादेन जेनसापा ने छात्रों को इस अवसर का लाभ उठाने और इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि विभाग का उद्देश्य एक मजबूत सहकारी संस्कृति का निर्माण करना है जो सिक्किम की विकास यात्रा को पूरक बनाए।
उनके साथ, सहायक सहकारिता रजिस्ट्रार सह रिसोर्स पर्सन शेवांग नोरबू भूटिया ने सहकारिता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इसके माध्यम से युवाओं और छात्रों के लिए पाठ्यक्रमों, करियर एवं उद्यमिता अवसरों को भी साझा किया और विशेष प्रशिक्षण के लिए हाल ही में स्थापित त्रिभुवन सहकार विश्वविद्यालय का भी उल्लेख किया।
इसके अलावा, भूटिया ने सहकारी आंदोलन के विकास पर भी विचार-विमर्श किया, जिसमें नाबार्ड अधिनियम (1982), राष्ट्रीय सहकारी नीति (2002) और जुलाई 2021 में सहकारिता मंत्रालय के गठन जैसे प्रमुख मील के पत्थर का उल्लेख किया गया। उन्होंने सिक्किम के मजबूत सहकारी परिदृश्य पर जोर दिया, जिसमें 24 क्षेत्रों में 3,776 से अधिक सहकारी समितियां शामिल हैं, जिनकी सदस्यता कृषि, डेयरी, पर्यटन, श्रम और महिला कल्याण सहित विविध क्षेत्रों में 84,943 से अधिक व्यक्तियों की है। उन्होंने सहकारी सदस्यों और सहकारिता विभाग की जिम्मेदारियों पर जोर दिया।
साथ ही, भूटिया ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों को प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मेधावी पुरस्कार प्रदान करने के लिए सिक्किम के मुख्यमंत्री की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की मान्यता ने राज्य के सहकारी क्षेत्र में प्रेरणा और दृश्यता को काफी बढ़ाया है। कार्यक्रम को सहकारिता विभाग की लेखा परीक्षक शीतल राई और अतिरिक्त सहकारिता आरसी पेम्बा छेरिंग लेप्चा ने भी वक्तव्य रखा। इस दौरान, चर्चा सत्र में छात्रों ने अपनी शंकाओं का समाधान करते हुए विचार साझा किए और अन्य जानकारियों हासिल कीं।
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