आशीष राई की होगी घर वापसी

कहा- स्वाभिमान की राजनीति करने वाले लोग एसडीएफ में लौटेंगे

गंगटोक, 11 सितम्बर । 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद एसडीएफ छोड़ने वाले अरिथांग निवासी आशीष राई फिर से एसडीएफ पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। उन्होंने एसडीएफ में शामिल होने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी कर ली है और 19 सितंबर को एसडीएफ में शामिल होने की घोषणा की।

आशीष राई ने एसडीएफ में शामिल होने को घर वापसी बताया है। सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए राई ने पुष्टि की कि वह 19 सितंबर को एसडीएफ में शामिल होंगे। विशेष रूप से, आशीष राई 2019 से पहले जीएमसी में पार्षद थे जब सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार सत्ता में थी। 2019 के चुनावों से पहले, उन्होंने आरिथांग निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवारी का दावा किया था, लेकिन पार्टी द्वारा उन्हें टिकट नहीं दिए जाने के बाद, राई ने एसडीएफ छोड़ दिया और एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए, जहां उन्हें 33.99 प्रतिशत वोट मिले।

आशीष राई विधानसभा चुनाव में हार गए थे और एसडीएफ पार्टी के भी सत्ता से बाहर हो जाने के बाद राई पिछले साढ़े चार साल से किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं थे, लेकिन आज सुबह उनकी एसडीएफ अध्यक्ष पवन चामिलंग से मुलाकात से मुलाकात हुई। इसके बाद ही यह कहा जा रहा था कि वे एसडीएफ में लौटेंगे।

पत्रकारों से बात करते हुए, राई ने यह भी कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पवन चामलिंग से मुलाकात की और पार्टी की राजनीति और सिक्किम बचाओ अभियान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2019 में जो हुआ उसे भूलकर उन्होंने एसडीएफ से राजनीति के दूसरे दौर की शुरुआत करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास अन्‍य दलों में भी शामिल होने का प्रस्‍ताव था लेकिन वे 45 साल से राजनीति में सक्रिय पवन चामलिंग का अनुसरण करके ही सिक्किम अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। इसलिए मैंने एसडीएफ में शामिल होने का निर्णय लिया।

उन्होंने यह भी दावा किया है कि 2024 का चुनाव सिक्किम के लिए महत्वपूर्ण है और जिन्हें पवन चामलिंग पर पूरा भरोसा है और राजनीति में स्वाभिमान है, वे एसडीएफ में शामिल होंगे। राई ने कहा कि वह कई अन्य नेताओं के साथ 19 सितंबर को एसडीएफ में शामिल होंगे और यह सिलसिला जारी रहेगा। 2024 विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आशीष राई ने कहा, पहले नदी तक पहुंचते हैं, फिर फैसला होगा कि जूता उतारना है या नहीं।

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